हे गोवर्धन गिरधारी, तुझे पूजे दुनिया सारी (Hey Govardhan Girdhari Tujhe Puje Duniya Saari)

हे गोवर्धन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

तेरी परिक्रमा जो करले,

मिट जाए विपदा सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


है सात कोस की परिक्रमा,

बड़ी भारी है इनकी महिमा,

कानो में कुण्डल चमकत है,

ठोड़ी पे हिरा दमकत है,

तेरी झांकी बड़ी मनोहारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


आज अन्नकूट का भोग लगा,

तेरा छप्पन भोग क्या खूब सजा,

इतने व्यंजन बनवाए है,

घर घर से सब ले आए है,

करे नृत्य सकल नर नारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


कुछ तो माखन को बल बढ्यो,

कुछ ग्वालन करि सहाय,

श्री राधे जु की कृपा ते,

मैंने गिरिवर लियो उठाय,

यूँ बोले मदन मुरारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


हे गोवर्धन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

तेरी परिक्रमा जो करले,

मिट जाए विपदा सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥

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चंपा षष्ठी मानने के पीछे की वजह

भारत में त्योहारों का विशेष महत्व है। यहां हर दिन किसी न किसी क्षेत्र में कोई पर्व या त्योहार मनाया जाता है। इनमें से कुछ त्योहार न केवल देश में बल्कि विदेशों तक भी प्रचलित होते हैं।

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अब कोई ना सहारा बिन तेरे,
महाकाल गंगाधर मेरे ॥

हे गणपति गजानन, मेरे द्वार तुम पधारो (Hey Ganpati Gajanan Mere Dwar Tum Padharo)

हे गणपति गजानन,
मेरे द्वार तुम पधारो,

केतु ग्रह की पूजा विधि

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