सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ (Sacche Man Se Maa Ki Jyot Tum Jagao)

सच्चे मन से माँ की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


ये ही है दुर्गा ये ही माँ काली,

चाहे किसी भी रूप में मनाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ।

सच्चे मन से मां की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


धन यश सुख सब देने वाली,

माँ से भंडार तुम भरवाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ।

सच्चे मन से मां की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


तन मन करदो माँ को समर्पण,

शेर चरणों में शीश तुम नवाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ।

सच्चे मन से मां की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


जगदाति की कर लो पूजा,

बस दाती के ही हो जाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ।

सच्चे मन से मां की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥


सच्चे मन से माँ की,

ज्योत तुम जगाओ,

बिन मांगे सारे फल पाओ ॥

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मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे(Mere Ram Rai Tu Santa Ka Sant Tere)

मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥

जय जय देवा जय गणपति देवा (Jai Jai Deva Jai Ganpati Deva)

जय जय देवा जय गणपति देवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,

भजन बिना चैन ना आये राम (Bhajan Bina Chain Na Aaye Ram)

बैठ के तु पिंजरे में,
पंछी काहे को मुसकाय,

फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर (Faag Khelan Barasane Aaye Hain Natwar Nand Kishore)

फाग खेलन बरसाने आये हैं,
नटवर नंद किशोर ।

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