तेरी करती रहूँ मैं चाकरी, वरदान यही मैं चाहूँ(Teri Karti Rahu Main Chakri Vardan Yahi Main Chahu)

तेरी करती रहूं मैं चाकरी,

वरदान यही मैं चाहूँ,

वरदान यही मैं चाहूँ,

वरदान यही मैं चाहूँ,

वरदान यही मैं चाहूँ,

तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,

वरदान यही मैं चाहूँ,

माँ शेरावाली वर देना,

माँ ज्योता वाली वर देना ॥


एक जनम क्या कई जन्मों तक,

तेरी सेवा पाऊं,

सुन्दर सुन्दर इन हाथों से,

तेरे द्वार सजाऊँ,

मेरी लगती रहें दर हाजरी,

वरदान यही मैं चाहूँ,

तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,

वरदान यही मैं चाहूँ ॥


अपनी आँखों के पलकों से,

तेरा अंगना बुहारूं,

तन मन के फूलों से,

अम्बे मंदिर तेरा सवारुं,

बस मैं ये चाहूँ तेरी चाकरी,

वरदान यही मैं चाहूँ,

तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,

वरदान यही मैं चाहूँ ॥


तेरी करती रहूं मैं चाकरी,

वरदान यही मैं चाहूँ,

वरदान यही मैं चाहूँ,

वरदान यही मैं चाहूँ,

वरदान यही मैं चाहूँ,

तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,

वरदान यही मैं चाहूँ,

माँ शेरावाली वर देना,

माँ ज्योता वाली वर देना ॥

........................................................................................................
श्रीराम और होली की कथा

होली का त्योहार सिर्फ द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसका संबंध त्रेतायुग और भगवान श्रीराम से भी गहरा है। कहा जाता है कि त्रेतायुग में भी होली मनाई जाती थी, लेकिन तब इसका रूप आज से थोड़ा अलग था। ये सिर्फ रंगों का खेल नहीं था, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से जुड़ा हुआ एक अनोखा त्योहार था।

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे(Tera Kisne Kiya Shringar Sanware)

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

जय जय देवा जय गणपति देवा (Jai Jai Deva Jai Ganpati Deva)

जय जय देवा जय गणपति देवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,

श्री महाकाली चालीसा (Shri Mahakali Chalisa)

जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब,
देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने