मोहन से दिल क्यूँ लगाया है(Mohan Se Dil Kyun Lagaya Hai)

मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


हर बात निराली है उसकी,

हर बात में है इक टेढापन,

टेढ़े पर दिल क्यूँ आया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


जितना दिल ने तुझे याद किया,

उतना जग ने बदनाम किया,

बदनामी का फल क्या पाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


तेरे प्यार ने दिल ये दीवाना किया,

मुझे इस जग से बैगाना किया,

मैंने क्या खोया क्या पाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


मिलता भी है वो मिलता भी नहीं,

नजरो से मेरी हटता भी नहीं,

यह कैसा जादू चलाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


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भोले के हाथों में, है भक्तो की डोर (Bhole Ke Hatho Mein Hai Bhakto Ki Dor)

भोले के हाथों में,
है भक्तो की डोर,

Radhe Radhe Japo Chale Aayenge Bihari (राधे जपो चले आएँगे बिहारी)

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,
राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,

कब है बसंत पंचमी 2025?

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बहुत खास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

ऐसे मेरे मन में विराजिये - भजन (Aaise Mere Maan Main Virajiye)

ऐसे मेरे मन में विराजिये
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