मोहन से दिल क्यूँ लगाया है(Mohan Se Dil Kyun Lagaya Hai)

मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


हर बात निराली है उसकी,

हर बात में है इक टेढापन,

टेढ़े पर दिल क्यूँ आया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


जितना दिल ने तुझे याद किया,

उतना जग ने बदनाम किया,

बदनामी का फल क्या पाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


तेरे प्यार ने दिल ये दीवाना किया,

मुझे इस जग से बैगाना किया,

मैंने क्या खोया क्या पाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


मिलता भी है वो मिलता भी नहीं,

नजरो से मेरी हटता भी नहीं,

यह कैसा जादू चलाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


........................................................................................................
कार्तिगाई दीपम उत्सव क्या है

कार्तिगाई दीपम उत्सव दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

श्याम के बिना तुम आधी - भजन (Shyam Ke Bina Tum Aadhi)

श्याम के बिना तुम आधी,
तुम्हारे बिना श्याम आधे,

घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है (Ghanshyam Teri Bansi Pagal Kar Jaati Hai)

घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,

तेरे पावन माँ नवरात्रों में, ज्योत तेरी जगाए हुए हैं: भजन (Tere Paawan Maa Navratron Main Jyot Teri Jagaye Huye Hai)

तेरे पावन माँ नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने