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श्री राम के भक्त सुनो, ले भगवा हाथ में निकलो तुम
चलो मम्मी चलो पापा चलो मम्मी चलो पापा चलो मम्मी चलो इक बार ले चलो
चलो मन वृन्दावन की ओर, प्रेम का रस जहाँ छलके है,
चलो मन गंगा जमुना तीर, चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो दर्शन को मेहंदीपुर चलिए, जहाँ बालाजी का दरबार है,
भोले के नाम का प्याला पिएंगे, भोले के नाम का जप हम करेंगे,
चलो चलिए माँ के धाम, मैया ने बुलाया है,
चली कांवड़ियों की टोली, सब भोले के हमजोली,
भोले के हाथों में, है भक्तो की डोर,
लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में, रोके सुग्रीव से बोले जाओ,