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चलो दर्शन को मेहंदीपुर चलिए (Chalo Darshan Ko Mehandipur Chaliye)

चलो दर्शन को मेहंदीपुर चलिए,

जहाँ बालाजी का दरबार है,

तेरे संकट सभी कट जाएंगे,

वो ही संकट के काटन हार है,

चलों दर्शन को मेहंदीपुर चलिए ॥


तुम यहाँ आओ अर्जी लगाओ,

ध्याम लगाओ बाबा का,

ज्योति जगाओ शीश झुकाओ,

कीर्तन गाओ बाबा का,

जिसे बाबा पे होता विश्वास है,

पूरण होती उसी की यहाँ आस है,

अंधेर नहीं कुछ देर है,

सारा झुकता यहाँ संसार है,

चलों दर्शन को मेहंदीपुर चलिए ॥


प्रेत राज का राज यहाँ पर,

आज फसे कोई काल फसे,

भेरों का दरबार यहाँ पर,

बच ना सके कोई छुप ना सके,

भूत प्रेतों का बालाजी काल है,

ये काटे सभी के जंजाल है,

तू भी आके यहाँ सर टेक ले,

ये तो करते सभी पर उपकार है,

चलों दर्शन को मेहंदीपुर चलिए ॥


मंगल और शनि को यहाँ पे,

लगता मेला भारी है,

दूर दूर से कष्ट मिटाने,

आते यहाँ नर नारी है,

तीनो लोको में पावन धाम है,

होती आरती सुबह और शाम है,

तू जयकारा लगाले इस नाम का,

तेरे संग में ‘धामा’ और ‘रामावतार’ है,

चलों दर्शन को मेहंदीपुर चलिए ॥


चलो दर्शन को मेहंदीपुर चलिए,

जहाँ बालाजी का दरबार है,

तेरे संकट सभी कट जाएंगे,

वो ही संकट के काटन हार है,

चलों दर्शन को मेहंदीपुर चलिए ॥

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

ब्रह्मानंदम परम सुखदम (Brahamanandam, Paramsukhdam)

ब्रह्मानंदम परम सुखदम,
केवलम् ज्ञानमूर्तीम्,

श्री गणेश चालीसा

जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥

भक्तो का कल्याण करे रे, मेरा शंकर भोला (Bhakto Ka Kalyan Kare Re Mera Shankar Bhola)

भक्तो का कल्याण करे रे,
मेरा शंकर भोला,

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