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मैया तेरे चरणों की (Maiya Tere Charno Ki )

मैया तेरे चरणों की,

अम्बे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


सुनते है तेरी रहमत,

दिन रात बरसती है,

इक बूंद दया की जो,

इक बूंद दया की जो,

मुझ पे भी बरस जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


जीवन के भवर में माँ,

इस तरह से उलझी हूँ,

तू हाथ बढ़ा दे तो,

तू हाथ बढ़ा दे तो,

भव सागर तर जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


इस मानव जीवन की,

बस एक तमन्ना है,

तू सामने हो मेरे,

तू सामने हो मेरे,

बस दम ये निकल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥


मैया तेरे चरणों की,

अम्बे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहती हूँ मैया,

तक़दीर बदल जाए,

मैया तेरे चरणो की ॥

ब्रज होली की पौराणिक कथा

होली का नाम सुनते ही हमारे मन में रंगों की खुशबू, उत्साह और व्यंजनों की खुशबू बस जाती है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, होली से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं।

बनाएगा मेरी बिगड़ी, मेरा भोला शंकर: भजन (Banayega Meri Bigadi Bhola Shankar)

तेरी दया तेरा साया,
सदा रहता मुझ पर,

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी (Maiya Aarasuri Kar Jo Aasha Puri)

मैया आरासुरी करजो आशा पूरी म्हारी अम्बे,
हूँ तो विनती करूँ जगदम्बे,

मेरी विनती यही है! राधा रानी(Meri Binti Yahi Hai Radha Rani)

मेरी विनती यही है राधा रानी
कृपा बरसाए रखना