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कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन मनावणा (Kahna Ve Assan Tera Janmdin Manavna)

रीझा भरी घडी यह आई,

घर घर होई रोशनाई

मात यशोदा लल्ला जाया,

सुनंदा ने थाल वजायी


कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन मनावणा

मोहना वे असां तेरा जन्मदिन मानवना

असां नाचना ते तैनू नचावना,

असां नाचना ते तैनू नचावना

॥कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन...॥


वांग भोले दे अलख जगाई ए

मात यशोदा तो बक्शीश पायी ए

नाले तेरा है दर्शन पावना,

नाले तेरा है दर्शन पावना

मोहना वे असां तेरा जन्मदिन मानवना

॥कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन...॥


विच ख़ुशी दे होए मस्ताने

प्रेम तेरे दे बने परवाने

साडा प्यार कदे ना भुलावना,

साडा प्यार कदे ना भुलावना

मोहना वे असां तेरा जन्मदिन मानवना

॥कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन...॥


वजदे ढोल ते वज्जे शहनाई

कमल कपिल पूरी आये दोनों भाई

एहना तेरा ही नाम जपावना,

एहना तेरा ही नाम जपावना

मोहना वे असां तेरा जन्मदिन मानवना

॥कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन...॥


कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन मनावणा

मोहना वे असां तेरा जन्मदिन मानवना

असां नाचना ते तैनू नचावना,

असां नाचना ते तैनू नचावना

हे माँ मुझको ऐसा घर दे(He Maa Mujhko Aisa Ghar De)

हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो,
ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।

कालाष्टमी पूजा विधि

सनातन हिन्दू धर्म में कालाष्टमी का काफी महत्व होता है। कालाष्टमी भगवान काल भैरव को समर्पित होता है। इस दिन काल भैरव के पूजन से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। ये पर्व हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां (Aalha Ki Dhwaja Nahin Aayi Ho Maa)

तीन ध्वजा तीनों लोक से आईं
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां

हरियाली अमावस्या : पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने और पर्यावरण संरक्षण का अनोखा पर्व

आज 4 अगस्त यानी रविवार को हरियाली अमावस्या है, ये तिथि भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास की एक विशेष तिथि है जो हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि साल के इस समय धरती हरियाली की चादर से ढक जाती है इसलिए श्रावण अमावस्या को हरियाली का त्यौहार कहा जाता है।

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