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सोने की लंका जलाए गयो रे, एक छोटो सो वानर,
सोना चांदी हिरे मोती, रंगले बंगले महल चौबारे ॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम श्री राम, जय राम, जय जय राम
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे, देख लो मेरे दिल के नगीने में II
सीता राम सीता राम, सीताराम कहिये,
सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला, मांग में सिंदूर मैया किस लिए डाला,
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन
सीताराम सीताराम जपाकर राम राम राम राम रटा कर
सीता के राम थे रखवाले, जब हरण हुआ तब कोई नहीं ॥
सिंघ सवारी महिमा भारी, पहाड़ों में अस्थान तेरा,