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राजा राम जी की आरती उतारू रे सखी (Sita Ram Ji Ke Aarti Utaru Ae Sakhi)

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन

केकरा के भरत भुवाल ए सखी

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


कौशल्या के राम बबुआ सुमित्रा के लछुमन

ककई के भरत भुवाल ए सखी

चारों भाइयन के आरती उतारूँ ए सखी


सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


कवने रंग राम बबुआ कवने रंग लछुमन

कवने रंग भरत भुवाल ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


श्याम रंग राम बबुआ गोरे रंग लछुमन

पित रंग भरत भुवाल ए सखी

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी


सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

राजा राम जी के आरती उतारूँ ए सखी

उलझ मत दिल बहारो में 2 (Ulajh Mat Dil Bharo Me -2)

उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छुट जाते है सहरो का बरोसा क्या

तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है (Tum Utho Siya Singar Karo Shiv Dhanush Ram Ne Toda Hai)

तुम उठो सिया सिंगार करो,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।