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सीता के राम थे रखवाले, जब हरण हुआ तब कोई नहीं: भजन (Sita Ke Ram The Rakhwale Jab Haran Hua Tab Koi Nahi)

सीता के राम थे रखवाले,

जब हरण हुआ तब कोई नहीं ॥


द्रोपदी के पांचो पांडव थे,

जब चीर हरण तब कोई नहीं,

दशरथ के चार दुलारे थे,

जब प्राण तजे कब कोई नहीं ॥


रावण भी बड़े शक्तिशाली थे,

जब लंका जली तब कोई नहीं,

श्री कृष्ण सुदर्शन धारी थे,

जब तीर चुभा तब कोई नहीं ॥


लक्ष्मण जी भी भारी योद्धा थे,

जब शक्ति लगी तब कोई नहीं,

सर शय्या पे पड़े पितामह थे,

पीड़ा का सांझी कोई नहीं ॥


अभिमन्यु राज दुलारे थे,

पर चक्रव्यूह में कोई नहीं,

सच है ‘देवेंद्र’ दुनिया वाले,

संसार में अपना कोई नहीं ॥


सीता के राम थे रखवाले,

जब हरण हुआ तब कोई नहीं ॥

ए पहुना एही मिथिले में रहुना (Ae Pahuna Mithile Me Rahuna)

ए पहुना एही मिथिले में रहु ना,
जउने सुख बा ससुरारी में,

विजया एकादशी का व्रत फरवरी 2025

विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है।

मढ़िया में जाके बोए जवारे (Madhiya Mein Jaake Boye Jaware)

मढ़िया में जाके बोए जवारे,
ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

गणगौर व्रत 2025 कब है

गणगौर व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।