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प्रभु सोच लो जग तुम्हे क्या कहेगा (Prabhu Soch Lo Jag Tumhe Kya Kahega)

प्रभु सोच लो जग तुम्हे क्या कहेगा,

अगर तेरा प्रेमी दुखड़े सहेगा,

प्रभु सोचलों जग तुम्हे क्या कहेगा ॥


चर्चे तुम्हारी दातारी के ऐसे,

सदा मौज में हैं प्रभु मेरे जैसे,

मुझको मिला गर उन्हें ना मिलेगा,

प्रभु सोचलों जग तुम्हे क्या कहेगा ॥


देते हो सबको बाबा जो भी आये दर पर,

है ऐसा भरोसा सदा श्याम तुम पर,

दानी सदा ही दानी रहेगा,

प्रभु सोचलों जग तुम्हे क्या कहेगा ॥


सदा हमने सबको ये ही बताया,

तुमने किसी को ना खाली लौटाया,

भक्तों का दाता गर भरोसा डिगेगा,

प्रभु सोचलों जग तुम्हे क्या कहेगा ॥


‘संजय’ पे बरसी जैसे कृपा सब पे बरसे,

कोई ना तेरी कृपा को है तरसे,

‘रोमी’ की अर्ज़ी जो तू ना सुनेगा,

प्रभु सोचलों जग तुम्हे क्या कहेगा ॥


प्रभु सोच लो जग तुम्हे क्या कहेगा,

अगर तेरा प्रेमी दुखड़े सहेगा,

प्रभु सोचलों जग तुम्हे क्या कहेगा ॥


जयपुर से लाई मैं तो चुनरी (Jaipur Se Layi Main Chunri)

जयपुर से लाई मैं तो,
चुनरी रंगवाई के,

क्या है शनि प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का काफ़ी खास माना गया है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है।

मेरो खोय गयो बाजूबंद (Mero Khoy Gayo Bajuband)

उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,

गणपति तुम सब गण के राजा (Ganpati Tum Sab Gan Ke Raja)

गणपति तुम सब गण के राजा,
गणपति तुम सब गण के राजा,