नवीनतम लेख

साल 2025 का पहला विनायक चतुर्थी व्रत

इस दिन रखा जाएगा साल का पहला विनायक चतुर्थी व्रत, नोट करें डेट, शुभ मुहूर्त


सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है और सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। साल 2025 में पहली विनायक चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा, पूजा का शुभ मुहूर्त कब है और भगवान गणेश की पूजा का महत्व क्या है? इसके बारे में जानते हैं। 

कब है पौष मास की विनायक चतुर्थी?


पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 जनवरी, गुरुवार की रात 01 बजकर 08 मिनिट से शुरू होगी, जो 03 जनवरी, शुक्रवार की रात 11 बजकर 39 मिनिट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, पौष मास की विनायकी चतुर्थी का व्रत 3 जनवरी 2025 को रखा जाएगा।इस दिन आप व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से कर सकते हैं।


विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त


विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त - ब्रह्म मुहूर्त, विजय मुहूर्त, गोधूलि मुहूर्त और निशिता मुहूर्त है। इस दौरान आप विधिवत रूप से पूजा-अर्चना कर सकते हैं।


  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक


विनायक चतुर्थी 2025 पूजा विधि


विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान इत्यादि के बाद हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। शुभ मुहूर्त में घर में किसी साफ स्थान पर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा या चित्र एक पटिए के ऊपर स्थापित करें। पूजा की शुरूआत में सबसे पहले गणेश प्रतिमा पर तिलक लगाएं, फूलों की माला पहनाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद दूर्वा, अबीर, गुलाल, रोली आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाए। इस दिन भगवान गणेश को मोदक, लड्डू या अन्य मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही इस दिन ॐ गण गणपतये नम: मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। पूजन के अंत में गणपति की आरती करें। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें। विनायक चतुर्थी के दिन अन्न और धन का दान करना शुभ माना जाता है। 


विनायक चतुर्थी महत्व


भगवान गणेश को विघ्नहर्ता यानी रुकावटों को दूर करने वाला देवता माना जाता है। जो लोग इस दिन विशेष रूप से उनकी पूजा करते हैं, उनके घर में समृद्धि, सुख और वैभव आता है। साथ ही उनके जीवन की परेशानियां और विघ्न दूर हो जाते हैं। गणेश जी को विद्या और बुद्धि के देवता भी माना जाता है। उनकी पूजा से विद्यार्थियों और शिक्षार्थियों की मानसिक क्षमता, समझ और बुद्धिमत्ता में वृद्धि होती है। बता दें कि विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। पौष मास की गणेश चतुर्थी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व विशेष होता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है, जो कार्यक्षेत्र में सफल होना चाहते हैं या अपने जीवन से संकटों को दूर करना चाहते हैं। इस दिन चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व है।


आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..: भजन (Ajaa Nand Ke Dulare)

आजाआ... ओओओ...
आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..

दीपावली पूजन विधि

भगवती महालक्ष्मी चल एवं अचल, दृश्य एवं अदृश्य सभी सम्पत्तियों, सिद्धियों एवं निधियों की अधिष्ठात्री साक्षात् नारायणी हैं।

कर प्रणाम तेरे चरणों में - प्रार्थना (Kar Pranam Tere Charno Me: Morning Prarthana)

कर प्रणाम तेरे चरणों में लगता हूं अब तेरे काज ।
पालन करने को आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूं आज ॥

मेरी ज़िन्दगी सवर जाए (Meri Zindagi Sanwar Jaye)

मेरी ज़िन्दगी सवर जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ,