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सबसे पहले मनाऊ गणराज, गजानंद आ जइयो (Sabse Pahle Manau Ganraj Gajanand Aa Jaiyo)

सबसे पहले मनाऊँ गणराज,

गजानंद आ जइयो,

म्हारी विनती सुनो महाराज,

गजानंद आ जइयो ॥


आज ये कैसी शुभ घड़ी आई,

अंगना में मोरे बजत बधाई,

मेरी रख लो सभा में लाज,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


बड़ा प्रेम से थाने मनाऊं,

मोदक को थाने भोग लगाऊं,

रिद्धि सिद्धि ने लाजो साथ,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


बल बुद्धि के तुम हो दाता,

जो कोई तुम्हरी शरण में आता,

मैं भी आया शरण में आज,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


सबसे पहले मनाऊँ गणराज,

गजानंद आ जइयो,

म्हारी विनती सुनो महाराज,

गजानंद आ जइयो ॥

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी (Kaartik Maas Ke Shukl Paksh Kee Prabodhinee Ekaadashee)

ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।

मेरे उज्जैन के महाकाल(Mere Ujjain Ke Mahakal )

तेरी होवे जय जयकार,
मेरे उज्जैन के महाकाल,

2025 की पहली शनि त्रयोदशी कब है

जब शनिवार और त्रयोदशी तिथि एक साथ आती है तो उसे शनि त्रयोदशी कहते हैं। यह एक खास दिन होता है। यह हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है।

कृष्ण जन्माष्टमी स्त्रोत

पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 3 का जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।