नवीनतम लेख

शंकर जी का डमरू बाजे (Shankarji Ka Damroo Baje From Movie Bal Ganesh)

शंकर जी का डमरू बाजे

पार्वती का नंदन नाचे ॥

बर्फीले कैलाशिखर पर,

जय गणेश की धूम

ओ जय हो...


शंकर जी का डमरू बाजे

पार्वती का नंदन नाचे

बर्फीले कैलाशिखर पर,

जय गणेश की धूम

नाचे धिन धिन धिन्तक धिन ॥

नाचे धिन धिन, नाचे धिन धिन,

धिन्तक धिन्तक नाचे


मनमोहक, मनभावन, नटखट

मूषक गण भागे सरपट ॥

विघ्न विनायक, संकट मोचन

वक्रतुंड कजरारे लोचन ॥

झूमे गए बल गणेश

भक्तजनो की कटे कलेश॥

नाचे धिन धिन धिन्तक धिन॥

नाचे धिन धिन, नाचे धिन धिन,

धिन्तक धिन्तक नाचे


सुनकर इतना ज्यादा शोर,

पार्वती आई उस और

डरकर माता उमा के आगे,

दुम दबाकर मूषक भागे

पर अपनी धुन में मस्त गजानन

थिरक रहे है भूलके तन मैं


गणपति बाप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया


शमसानो के वासी हो, भूतों का है साथ(Shamshano Ke Vasi Ho Bhuto Ka Hai Sath)

शमसानो के वासी हो,
भूतों का है साथ,

सामा-चकेवा और मुढ़ी-बतासे

सामा-चकेवा मिथिलांचल में भाई-बहन के प्रेम और अपनत्व का प्रतीक है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल सप्तमी से कार्तिक पूर्णिमा तक नौ दिन चलता है।

विवाह पंचमी की कथा क्या है

सनातन धर्म में विवाह पंचमी का दिन सबसे पवित्र माना गया है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम शादी के बंधन में बंधे थे। पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।

ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी (Dhank Lai Yashoda Najar Lag Jayegi)

ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी
कान्हा को तेरे नजर लग जाएगी ।