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जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा (Jo Tu Mitana Chahe Jivan Ki Trishna)

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


कृष्ण नाम पावन पावन,

कृष्ण नाम प्यारा प्यारा,

जो ना बोले कृष्णा कृष्णा,

जग से वो हारा हारा,

मन का मिटे अँधियारा,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


जिसको मिली ना पीड़ा,

सुख का मरम क्या जाने,

जो ना ध्याये कृष्णा कृष्णा,

नित का धरम क्या माने,

चाहे अगर उजियाला,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


छोड़ दे भटकना दर दर,

तोड़ दे अहम का घेरा,

भूल जा जगत के वैभव,

जग है दुखो का डेरा,

फिरे काहे मारा मारा,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥

यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

यशोदा जायो ललना,
मैं वेदन में सुन आई,

श्री महाकाली चालीसा (Shri Mahakali Chalisa)

जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब,
देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥

कैसी लीला रचाई जी हनुमत बालाजी: भजन (Kaisi Leela Rachai Ji Hanumat Balaji)

कैसी लीला रचाई जी,
के हनुमत बालाजी,

गुड़ी पड़वा के दिन क्या करें क्या नहीं

गुड़ी पड़वा का पर्व हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 30 मार्च को पड़ रहा है।

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