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मन की मुरादें, पूरी कर माँ(Mann Mi Muraden Poori Kar Maa)

मन की मुरादें, पूरी कर माँ,

दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।

तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा,

हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।


तू है दाती दान देदे,

मुझ को अपना जान कर ।

भर दे मेरी झोली खाली,

दाग लगे ना तेरी शान पर ।

सवा रुपया और नारीयल,

मैं तेरी भेंट चढ़ाउंगी ॥


मन की मुरादें, पूरी कर माँ,

दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।

तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा,

हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।


छोटी छोटी कन्याओं को,

भोग लगाऊं भक्ति भाव से ।

तेरा जगराता कराऊं,

मैं तो बड़े चाव से ।

लाल द्वजा लेकर के माता,

तेरे भवन पे लहराउंगी ॥


मन की मुरादें, पूरी कर माँ,

दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।

तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा,

हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।


महिमा तेरी बड़ी निराली,

पार न कोई पाया है ।

मैंने सुना है, ब्रह्मा, विष्णु शिव ने,

तेरा गुण गाया है ।

मेरी औकात क्या है,

तेरी माँ बात क्या है,

कैसे तुझ को भुलाउंगी ॥


मन की मुरादें, पूरी कर माँ,

दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।

तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा,

हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।


लाल चोला लाल चुनरी,

लाल तेरे लाल हैं ।

तेरी जिस पर हो दया माँ,

वो तो मालामाल है ।

श्यामसुंदर और लक्खा बालक हैं तेरे,

उनको भी संग मैं लाउंगी ॥


मन की मुरादें, पूरी कर माँ,

दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।

तेरा दीदार होगा, मेरा उद्धार होगा,

हलवे का भोग मैं लगाउंगी ।


आये है गणेश बप्पा, आज मोरे आंगना (Aaye Hai Ganesh Bappa, Aaj More Angana)

आये है गणेश बप्पा,
आज मोरे आंगना,

आई बागों में बहार, झूला झूले राधा प्यारी (Aai Bhagon Me Bahar Jhula Jhule Radha Rani)

आई बागों में बहार,
झूला झूले राधा प्यारी ।

चंद्र दर्शन का महत्व क्या है

मार्गशीर्ष माह हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। इस माह में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि का आगमन होता है। चंद्र देव को मन का कारक और मानसिक संतुलन का प्रतीक माना गया है।

आयी बरसाने वाली है आयी (Aayi Barsane Wali Hai Aayi)

आयी बरसाने वाली है आयी,
रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥

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