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माँ रेवा थारो पानी निर्मल,
खलखल बहतो जायो रे..
माँ रेवा !
अमरकंठ से निकली है रेवा,
जन-जन कर गयो भाड़ी सेवा..
सेवा से सब पावे मेवा,
ये वेद पुराण बतायो रे !
जो शिव भोले की, भक्ति में रम जाएगा,
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला उत्पन्ना एकादशी का पर्व भगवान विष्णु और देवी एकादशी की आराधना का विशेष दिन है।
हे विनय विनायक विनती करा म्हारे आंगन आप पधारो जी,
राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी।