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नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली की पूजा विधि ।। (Narak Chaturdashi/Choti Diwali ki Puja Vidhi)

>> नरक चतुर्दशी के दिन सुबह सूर्य उदय से पहले स्नान करने और घर के मंदिर में दीपक जलाने का विधान है। 


>> शाम के समय घर में दीपक जलाएं।

(एक चौमुखा दीपक यमदेव के नाम का जलाएं और मुख्य द्वार के बाहर रखें।)


>> नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले तिल के तेल से शरीर की मालिश करें।


>> माथे पर रोली का तिलक लगाएं और दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके तिल वाले जल से यमराज का तर्पण करे। 


>> इस दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा माता लक्ष्मी समेत करते हैं। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु से बचाव होता है।


भगवान राम और माता शबरी की भेंट

माता शबरी रामायण की एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जिन्होंने भगवान राम की भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया था। शबरी ने भगवान राम और माता सीता की प्रतीक्षा में वर्षों तक वन में निवास किया था।

जय जय जननी श्री गणेश की (Jai Jai Janani Shri Ganesh ki)

जय जय जननी श्री गणेश की
जय जय जननी श्री गणेश की

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे(Itni Vinti Hai Tumse Hai Bhole Mere)

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे,
थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

बजरंग बाण (Bajrang Baan)

निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
बिनय करैं सनमान ।

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