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नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली की पूजा विधि ।। (Narak Chaturdashi/Choti Diwali ki Puja Vidhi)

>> नरक चतुर्दशी के दिन सुबह सूर्य उदय से पहले स्नान करने और घर के मंदिर में दीपक जलाने का विधान है। 


>> शाम के समय घर में दीपक जलाएं।

(एक चौमुखा दीपक यमदेव के नाम का जलाएं और मुख्य द्वार के बाहर रखें।)


>> नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले तिल के तेल से शरीर की मालिश करें।


>> माथे पर रोली का तिलक लगाएं और दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके तिल वाले जल से यमराज का तर्पण करे। 


>> इस दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा माता लक्ष्मी समेत करते हैं। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु से बचाव होता है।


भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे - भजन (Bhole Bhandari Sabke Hi Bhandar Bhare)

शिव है दयालु, शिव है दाता
शिव पालक है इस श्रिष्टि के

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे (shri ram janki bethe hai mere seene me)

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे,
देख लो मेरे दिल के नगीने में II

चैत्र महीना भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे चैत्र माह में मनाया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस वर्ष भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।

हे गजानन पधारो (Hey Gajanan Padharo)

सिद्धिविनायक मंगलमूर्ति,
विघ्नहरण सुखपाल जी,

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