नवीनतम लेख

गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?

गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करना क्यों माना जाता है शुभ, जानिए इसके पीछे की वजह 


हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के विवाह में कोई परेशानी आती है, तो केले के पेड़ की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को लाभ हो सकता है और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। अब ऐसे में गुरुवार के दिन ही क्यों केले के पेड़ की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 

गुरुवार के दिन क्यों करते हैं केले के पेड़ की पूजा? 


गुरुवार के दिन ब्रह्मांड के रक्षक भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत रखकर और केले के पेड़ की पूजा करके भक्त इन देवताओं को प्रसन्न करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, केले के पेड़ में बृहस्पति देव का निवास होता है। इसलिए, गुरुवार को केले के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

आपको बता दें, बृहस्पति को देवताओं के गुरु और ज्ञान के देवता के रूप में पूजा जाता है। केले का पेड़ बृहस्पति ग्रह से संबंधित माना जाता है, और इसलिए इस दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है ताकि बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त हो और जीवन में ज्ञान, समृद्धि, और शुभता आए।

केले के पेड़ की पूजा करने से मिलते हैं ये फायदें? 


बृहस्पति ग्रह को शिक्षा, ज्ञान, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और उसकी पूजा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। केले का पेड़ लक्ष्मी देवी का प्रतीक भी माना जाता है। इसकी पूजा से व्यक्ति को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है। केले के पेड़ की पूजा से पारिवारिक जीवन में शांति, सामंजस्य और समृद्धि आती है। इतना ही नहीं, केले के पेड़ की पूजा करने से अविवाहिताओं को अच्छा जीवनसाथी मिलता है, और विवाह संबंधी अड़चनों का समाधान होता है। साथ ही यह पूजा शादीशुदा जीवन में भी सामंजस्य और सुख लाने में मदद करती है।

केले के पेड़ की पूजा से दूर होता है गुरुदोष 


केले के पेड़ की पूजा से गुरुदोष दूर हो सकता है। केले के पेड़ को विशेष रूप से "बृहस्पति" या गुरु ग्रह से जोड़ा जाता है, जो ज्ञान, समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

गुरु ग्रह का अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, इस दोष को दूर करने के लिए केले के पेड़ की पूजा और उसकी आराधना की जाती है।

केले के पेड़ की पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप


अगर आप केले के पेड़ की पूजा कर रहे हैं, तो इस दौरान कुछ मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

  • ऊं श्री लक्ष्मी नारायणाय नमः
  • ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
  • ऊं फट् श्री बगलामुखि वशीकरणं स्वाहा
  • ऊं श्री कृष्णाय नमः
  • ऊं बृं बृहस्पतये नमः

भगवान परशुराम की पूजा कैसे करें?

भगवान परशुराम का जन्म राजा जीमूतवाहन और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। वे ब्राह्मण कुल से थे, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में शस्त्र-विद्या का ज्ञान और युद्धकला का अभ्यास था। उन्हें भगवान विष्णु के दशावतार में एक माना जाता है। परशुराम जी ने भगवान शिव से भी शिक्षा ली थी।

श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti)

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर, आवो प्रभु विश्वकर्मा।
सुदामा की विनय सुनी और कंचन महल बनाये।

जिन भवानी माँ (Jeen Bhawani Maa)

जिन भवानी माँ,
थारी महिमा न्यारी है,

मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को(Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को,

यह भी जाने