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पवन पुत्र हनुमान तुम्हारी, अजब अनोखी माया है (Pawan Putra Hanuman Tumhari Ajab Anokhi Maya Hai)

पवन पुत्र हनुमान तुम्हारी,

अजब अनोखी माया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है ॥


तेरी भक्ति में है शक्ति,

राम नाम नित गाते हो,

अपने सच्चे प्यार की खातिर,

सीना चीर दिखाते हो,

राम नाम की माला जपके,

राम नाम की माला जपके,

राम को तुम ने पाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है ॥


रघुवर के तुम सदा सनेही,

तुमको गले लगाते है,

अपनी हर दुविधा में बजरंग,

तुमको सदा बुलाते है,

प्यार में उनके डूब के तुमने,

प्यार में उनके डूब के तुमने,

राम रतन धन पाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है ॥


अंजनी माँ के लाल तुम्हारे,

जग में खेल निराले है,

असुर निकंदन कहलाते हो,

सबके संकट टाले है,

‘केवल’ ने जग छोड़ के सारा,

‘केवल’ ने जग छोड़ के सारा,

तुमसे नेह लगाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है ॥


अपने भगतो को तुम हनुमत,

कभी नहीं बिसराते हो,

सुनके भक्तो की फरियादे,

दौड़े दौड़े आते हो,

केवल दामन थाम के हमने,

केवल दामन थाम के हमने,

आस का दीप जलाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है ॥


पवन पुत्र हनुमान तुम्हारी,

अजब अनोखी माया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है,

तुमसा दयालु कोई ना जग में,

राम भक्त कहलाया है ॥


वृश्चिक संक्रांति की पूजा विधि

संक्रांति मतलब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना और इसका वृश्चिक राशि में प्रवेश वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। यह दिन सूर्य देव की विशेष पूजा और दान करने के लिए शुभ है और व्यक्ति के भाग्योदय में होता है।

दर्श अमावस्या के खास उपाय

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शिवजी को काल भैरव क्यों कहते हैं

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पंछी काहे को मुसकाय,

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