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दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया (Dard Kisako Dikhaun Kanaiya)

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है,

दुनिया वाले नमक है छिड़कते,

कोई मरहम लगाता नहीं है ।

दर्द किसकों दिखाऊँ कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है ॥


किसको बैरी कहूं किसको अपना,

झूठे वादे है सारे ये सपना,

अब तो कहने में आती शरम है,

रिश्ते नाते ये सारे भरम है,

देख खुशियां मेरी ज़िंदगी की,

रास अपनों को आती नहीं है ।

दर्द किसकों दिखाऊँ कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है ॥


ठोकरों पर है ठोकर खाया,

जब भी दिल दुसरो से लगाया,

हर कदम पे है सबने गिराया,

सबने स्वारथ का रिश्ता निभाया,

तुझसे नैना लड़ाना कन्हैया,

दुनिया वालो को भाता नहीं है ।

दर्द किसकों दिखाऊँ कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है ॥


दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है,

दुनिया वाले नमक है छिड़कते,

कोई मरहम लगाता नहीं है ।

दर्द किसकों दिखाऊँ कन्हैया,

कोई हमदर्द तुमसा नहीं है ॥

फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर (Faag Khelan Barasane Aaye Hain Natwar Nand Kishore)

फाग खेलन बरसाने आये हैं,
नटवर नंद किशोर ।

शेर कैसे बना मां दुर्गा का वाहन

हिंदू धर्म में नवरात्रि के दिनों को बेहद पवित्र और खास माना जाता है। नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार आता है। चैत्र माह में आने वाली प्रत्यक्ष नवरात्रि बेहद खास होती है, क्योंकि इसी महीने से सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना शुरू की थी।

मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम(Mil Kaho Garv Se Hindu Hain Ham)

मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम,
यह हिन्दूस्तान हमारा,

मेरे उठे विरह में पीर(Mere Uthe Virah Me Pir)

मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥

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