नवीनतम लेख

किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं (Kisi Ke Kam Jo Aaye Use Insan Kahte Hai)

किसी के काम जो आये,

उसे इन्सान कहते हैं ।

पराया दर्द अपनाये,

उसे इन्सान कहते हैं ॥


कभी धनवान है कितना,

कभी इन्सान निर्धन है ।

कभी सुख है, कभी दुःख है,

इसी का नाम जीवन है ॥

जो मुश्किल में न घबराये,

उसे इन्सान कहते हैं ॥


किसी के काम जो आये,

उसे इन्सान कहते हैं ।

पराया दर्द अपनाये,

उसे इन्सान कहते हैं ॥


यह दुनियाँ एक उलझन है,

कहीं धोखा कहीं ठोकर ।

कोई हँस-हँस के जीता है,

कोई जीता है रो-रोकर ॥

जो गिरकर फिर सँभल जाये,

उसे इन्सान कहते हैं ॥


किसी के काम जो आये,

उसे इन्सान कहते हैं ।

पराया दर्द अपनाये,

उसे इन्सान कहते हैं ॥


अगर गलती रुलाती है,

तो राहें भी दिखाती है ।

मनुज गलती का पुतला है,

यह अक्सर हो ही जाती है ॥

जो कर ले ठीक गलती को,

उसे इन्सान कहते हैं ॥


किसी के काम जो आये,

उसे इन्सान कहते हैं ।

पराया दर्द अपनाये,

उसे इन्सान कहते हैं ॥


यों भरने को तो दुनियाँ में,

पशु भी पेट भरते हैं ।

लिये इन्सान का दिल जो,

वो नर परमार्थ करते हैं ॥

पथिक जो बाँट कर खाये,

उसे इन्सान कहते हैं ॥


किसी के काम जो आये,

उसे इन्सान कहते हैं ।

पराया दर्द अपनाये,

उसे इन्सान कहते हैं ॥

ब्रह्मा चालीसा (Brahma Chalisa)

जय जय कमलासान जगमूला, रहहू सदा जनपै अनुकूला ।

प्रभु सोच लो जग तुम्हे क्या कहेगा (Prabhu Soch Lo Jag Tumhe Kya Kahega)

प्रभु सोच लो जग तुम्हे क्या कहेगा,
अगर तेरा प्रेमी दुखड़े सहेगा,

रामयुग: जय हनुमान - हर हर है हनुवीर का (Jai Hanuman From Ramyug)

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

मासिक शिवरात्रि पर जलाभिषेक

प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है।

यह भी जाने