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माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी(Maa Unche Parwat Wali Karti Shero Ki Sawari)

माँ ऊँचे पर्वत वाली,

करती शेरो की सवारी,

अम्बे माँ,

घर में पधारो मेरी माँ,

अम्बे माँ,

घर में पधारो मेरी माँ ॥


तेरे नाम की ज्योत जली है,

दर्शन को टोली खड़ी है,

अम्बे माँ,

आरती उतारूं मेरी माँ,

अम्बे माँ,

आरती उतारूं मेरी माँ ॥


आँखे दर्शन की है प्यासी,

आजा माता मिटे उदासी,

अम्बे माँ,

चरण पखारूँ मेरी माँ,

अम्बे माँ,

चरण पखारूँ मेरी माँ ॥


हम सब भक्ति भाव ना जाने,

पूजा पाठ नहीं कुछ जाने,

अम्बे माँ,

तेरे ही गुण गाऊं ओ माँ,

अम्बे माँ,

तेरे ही गुण गाऊं ओ माँ ॥


माँ ऊँचे पर्वत वाली,

करती शेरो की सवारी,

अम्बे माँ,

घर में पधारो मेरी माँ,

अम्बे माँ,

घर में पधारो मेरी माँ ॥

मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया (Mere O Sanware Tune Kya Kya Nahi Kiya)

मेरे ओ सांवरे,
तूने क्या क्या नहीं किया,

नर्मदा देवी की पूजा कैसे करें?

हिंदू धर्म में नर्मदा नदी बेहद पवित्र और पूजनीय नदी मानी जाती है। इसे 'कुंवारी नदी' और 'रेवा' के नाम से भी जाना जाता है।

श्री बालाजी चालीसा (Shri Balaji Chalisa)

श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान ।
बालाजी चालीसा लिखे “ओम” स्नेही कल्याण ।।

हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये - विनती भजन (Shyam Puspanjali Shri Khatu Shyamji Vinati)

हाथ जोड़ विनती करूं सुणियों चित्त लगाय,
दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज,