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श्याम ऐसो जिया में समाए गयो री: भजन (Shyam Eso Jiya Me Samay Gayo Ri)

श्याम ऐसो जिया में,

समाए गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


सोहनी सूरत माधुरी मूरत,

सोहनी सूरत माधुरी मूरत,

मोहे एक झलक,

दिखाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


चोरी चोरी चुपके चुपके,

चोरी चोरी चुपके चुपके,

मोहे यमुना के तट पे,

बुलाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


आवरी बावरी कर गयो री मोहे,

आवरी बावरी कर गयो री मोहे,

चित्त को मेरे,

चुराय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


मनवा मोरा नहीं मेरे वश में,

मनवा मोरा नहीं मेरे वश में,

वो मन को मेरे,

लुभाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


आकुल व्याकुल फिरूं भवन में,

आकुल व्याकुल फिरूं भवन में,

वो तो प्रेम को रोग,

लगाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


कहा कहूँ सखी कैसे बताऊँ,

कहा कहूँ सखी कैसे बताऊँ,

वो तो मोहे अपनों,

बनाय गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥


श्याम ऐसो जिया में,

समाए गयो री,

मेरे तन मन की,

सुधबुध भुलाय गयो री ॥

सजा दो घर को गुलशन सा (Sajado Ghar Ko Gulshan Sa)

सजा दो घर को गुलशन सा,
अवध में राम आए हैं,

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

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झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले, हो जासी कल्याण: भजन (Jhado Morchadi Ko Lagwa Le Ho Jasi Kalyan)

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किसलिए आस छोड़े कभी ना कभी (Kisliye Aas Chhauden Kabhi Na Kabhi)

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।