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श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके चले आना प्रभुजी चले आना - भजन (Shrinath Banke Dinanath Banake Chale Aana Prabhuji Chane Aana)

श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम बालकृष्ण रूप में आना,

वैष्णव को दर्श दिखाना,

गोवर्धन नाथ बनके,

गिरिवर हाथ धरके,

चले आना प्रभुजी चले आना,

श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम वृन्दावन में आना,

संग राधाजी को लाना,

व्रजनाथ बनके राधाकांत बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना,

श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम गोकुल मथुरा में आना,

बाललीला अपनी दिखाना,

गोकुलनाथ बनके यदुनाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना,

श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


मेरे मनमंदिर में आना,

श्रद्धा का दीप जलाना,

सारे दोष हरले मुझे अपना करले,

चले आना प्रभुजी चले आना,

श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥

भोले भाले डमरू वाले - भजन (Bhole Bhale Damaru Wale)

भोले भाले डमरू वाले,
नंदी के असवार,

अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्

सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि,चन्द्र सहोदरि हेममये ,
मुनिगणमण्डित मोक्षप्रदायनि,मञ्जुळभाषिणि वेदनुते।

सात्विक मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।

जय जय देवा जय गणपति देवा (Jai Jai Deva Jai Ganpati Deva)

जय जय देवा जय गणपति देवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,