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जगन्नाथ भगवान जी का भजन (Jagannath Bhagwan Ji Ka Bhajan)

जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ


चारों धाम में सबसे बड़ा है ,जगन्नाथ धाम

जगन्नाथ भगवान की, महिमा अपरम्पार

भक्तों को दर्शन देते,करते उनके काम।

कर लो भक्तों ,जगन्नाथ का ध्यान बारंबार।


जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ


भज लो रे भक्तों जगन्नाथ को

तर जाओगे भव सागर पार।

तन मन जीवन अर्पण कर दो

प्रभु की , लीला अपरम्पार।


जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ


सात पुरियों में एक है ,जगन्नाथ पुरी धाम

जगन्नाथ के भात को ,जगत पसारे हाथ।

करलो भक्तों महाप्रभु के ,दर्शन बारंबार

जहां विराजे जगन्नाथ ,बलभद्र ,सुभद्रा साथ।


जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ

Shri Batuk Bhairav Chalisa (श्री बटुक भैरव चालीसा)

श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥

उंचिया पहाड़ा वाली माँ, हो अम्बे रानी (Uchiya Pahadawali Maa O Ambe Rani)

उंचिया पहाड़ा वाली माँ,
हो अम्बे रानी,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें (Maiya Ji Se Hoga Milan Dheere Dheere)

लग जाएगी लगन धीरे धीरे,
मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी (Thumak Thumak Kar Chal Bhawani)

सिंह चढी देवी मिले,
गरूड़ चढे भगवान ।

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