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हमने ब्रज के ग्वाले से, अपना दिल लगाया है(Humne Braj Ke Gwale Se Apna Dil Lagaya Hai )

हमने ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है,

नींद भी गवाई है,

चैन भी गवाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


दिल मेरा बेकाबू,

हो जाता है उस पर,

देखता है मेरी तरफ,

और मुस्कुराता है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


कई बार चाहा उसे,

हाले दिल सुनाऊ मैं,

होंठ मेरे खुल ना सके,

सामने जो आया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


सब ये समझते है,

वो बांसुरी बजाता है,

पर उसने इशारों से,

हमको बुलाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


हमने ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है,

नींद भी गवाई है,

चैन भी गवाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥

शिव की जटा से बरसे, गंगा की धार है (Shiv Ki Jata Se Barse Ganga Ki Dhar Hai)

शिव की जटा से बरसे,
गंगा की धार है,

मौनी अमावस्या के विशेष उपाय

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मार्च में 7 तारीख के बाद नहींं होंगे मांगलिक कार्य

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