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हमने ब्रज के ग्वाले से, अपना दिल लगाया है(Humne Braj Ke Gwale Se Apna Dil Lagaya Hai )

हमने ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है,

नींद भी गवाई है,

चैन भी गवाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


दिल मेरा बेकाबू,

हो जाता है उस पर,

देखता है मेरी तरफ,

और मुस्कुराता है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


कई बार चाहा उसे,

हाले दिल सुनाऊ मैं,

होंठ मेरे खुल ना सके,

सामने जो आया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


सब ये समझते है,

वो बांसुरी बजाता है,

पर उसने इशारों से,

हमको बुलाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥


हमने ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है,

नींद भी गवाई है,

चैन भी गवाया है,

हमनें ब्रज के ग्वाले से,

अपना दिल लगाया है ॥

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भोला शंकर नाथ जी ॥

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