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हे ज्योति रूप ज्वाला माँ (Hey Jyoti Roop Jwala Maa)

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,

तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।

हर एक जन इसका परवाना,

हर एक जान इसका पुजारी है ॥

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली


जब कुछ भी न था इस धरती पर,

तेरी ज्योति का नूर निराला था ।

न सूरज, चंदा, तारे थे,

तेरी ज्योति का ही उजाला था ।

कैसी होगी तेरी ज्योति,

जब सूरज एक चिंगारी है ॥

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥


जिस घर में ज्योति जलती है,

वह घर पावन हो जाता है ।

ज्योति से ज्योति मिल जाती,

वह जग में अमर हो जाता है ।

यह ज्योति जीवन देती है,

यह ज्योति पालनहारी है ।

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥


धरती का सीना चीर के माँ,

पाताल लोक से आई है ।

इसकी लीला का अंत नहीं,

कण-कण में यही समय है ।

निर्बल को शक्ति देती है,

यह शक्ति अतुल तुम्हारी है ।

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली

गौरा जी को भोले का, योगी रूप सुहाया है(Goura Ji Ko Bhole Ka Yogi Roop Suhaya Hai)

गौरा जी को भोले का,
योगी रूप सुहाया है,

मुखड़ा देख ले प्राणी, जरा दर्पण में (Mukhda Dekh Le Prani, Jara Darpan Main)

मुखड़ा देख ले प्राणी,
जरा दर्पण में हो,

तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है (Tere Darbar Mein Maiya Khushi Milti Hai)

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मगन हो बैठूं, तेरे भक्तो मे ॥

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा (Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)

मेरा हाथ पकड़ ले रे,
कान्हा दिल मेरा घबराये,

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