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हे ज्योति रूप ज्वाला माँ (Hey Jyoti Roop Jwala Maa)

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,

तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।

हर एक जन इसका परवाना,

हर एक जान इसका पुजारी है ॥

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली


जब कुछ भी न था इस धरती पर,

तेरी ज्योति का नूर निराला था ।

न सूरज, चंदा, तारे थे,

तेरी ज्योति का ही उजाला था ।

कैसी होगी तेरी ज्योति,

जब सूरज एक चिंगारी है ॥

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥


जिस घर में ज्योति जलती है,

वह घर पावन हो जाता है ।

ज्योति से ज्योति मिल जाती,

वह जग में अमर हो जाता है ।

यह ज्योति जीवन देती है,

यह ज्योति पालनहारी है ।

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥


धरती का सीना चीर के माँ,

पाताल लोक से आई है ।

इसकी लीला का अंत नहीं,

कण-कण में यही समय है ।

निर्बल को शक्ति देती है,

यह शक्ति अतुल तुम्हारी है ।

जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना (Banke Bihari Hame Bhul Na Jana)

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,
जल्दी जल्दी वृन्दावन,

चैत्र मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है, जो भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को जन्मे थे।

कार्तिगाई दीपम उत्सव से जुड़ी पौराणिक कथा

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मन धीर धरो घबराओ नहीं(Mann Dheer Dharo Ghabrao Nahin)

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