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राम के दुलारे, माता जानकी के प्यारे(Ram Ke Dulare, Mata Janki Ke Pyare)

जय सियाराम, बोलो जय सियाराम

जय सियाराम, बोलो जय सियाराम


राम के दुलारे,

माता जानकी के प्यारे,

तुम्हे नमन हजारो बार है ।

जय बोलो बजरंग बलि की,

आज मंगलवार है ॥


मंगल को जन्मे मंगल मूर्ति,

हनुमत मंगल कारी है ।

महा विशाला अति विकराला,

हनुमान बलधारी है ।

पवन बेग से उड़ने वाले,

मनुष तेज रफ्तार है ।

जय बोलो बजरंग बलि की,

आज मंगलवार है ॥


जय सियाराम, बोलो जय सियाराम

जय सियाराम, बोलो जय सियाराम


सिया के सेवक दास राम के,

सारी अवध के प्यारे हैं ।

दीन हीन साधू संतो के,

रक्षक है रखवारे हैं ।

त्रेता युग से इस कलयुग तक,

हो रही जय जय कार है ।

जय बोलो बजरंग बलि की,

आज मंगलवार है ॥


जय सियाराम, बोलो जय सियाराम

जय सियाराम, बोलो जय सियाराम


मंगल के दिन क्यों जाता है,

मंदिर में हनुमान के ।

शनि देव जी खुश रहिते हैं,

लकी उस इंसान से ।

उसके अब अविनाश के ऊपर,

किरपा की भरमार है ।

जय बोलो बजरंग बलि की,

आज मंगलवार है ॥


राम के दुलारे,

माता जानकी के प्यारे,

तुम्हे नमन हजारो बार है ।

जय बोलो बजरंग बलि की,

आज मंगलवार है ॥

कल्कि अवतार की पूजा कैसे करें?

हिन्दू धर्म के अनुसार, भगवान विष्णु समय-समय पर धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करने के लिए अवतार लेते हैं। कल्कि, विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार माने जाते हैं।

शंकर चौड़ा रे (Shankar Chaura Re)

शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।
सिंगार माई कर रही, सोलह रे

पौष पूर्णिमा 2025

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

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