नवीनतम लेख

मां की हर बात निराली है(Maa Ki Har Baat Nirali Hai)

माँ की हर बात निराली है ॥

श्लोक – पास की सुनती है,

दूर की सुनती है,

गुमनाम के संग संग,

मशहूर की सुनती है,

माँ तो आखिर माँ है,

माँ के भक्तो,

माँ तो हर,

मजबूर की सुनती है ॥


माँ की हर बात निराली है,

बात निराली है,

की हर करामात निराली है,

मां की हर बात निराली है,

महादाती से सब को मिली,

सौगात निराली है,

मां की हर बात निराली है ॥


वक्त की चाल बदले,

दुःख की जंजाल बदले,

इसके चरणों में झुक कर,

बड़े कंगाल बदले,

यहाँ जो आये सवाली,

कभी वो जाए ना खाली,

यह लाती पतझड़ में भी,

हर चमन में हरियाली,

काली रातो में लाती,

प्रभात निराली है,

मां की हर बात निराली है ॥


दया जब इसकी होती,

तो कंकर बनते मोती,

जिसे यह आप जगादे,

ना फिर किस्मत वो सोती,

गमो से घिरने वाले,

बड़े इस माँ ने संभाले,

फसे मझदार में बेड़े,

इसी ने बाहर निकाले,

इसकी मीठी ममता की,

बरसात निराली है,

मां की हर बात निराली है।।


दुःख काटती है ये,

सुख बांटती है ये,

हमे पालती है ये दिनरात ही,

जादू इसका अजीब,

देखो होके करीब,

ये तो बदले नसीब दिन रात ही,

इस की रहमत,

हर निर्दोष के साथ निराली है,

मां की हर बात निराली है ॥


मां की हर बात निराली है,

बात निराली है,

की हर करामात निराली है,

मां की हर बात निराली है,

महादाती से सब को मिली,

सौगात निराली है,

माँ की हर बात निराली है ॥

झूम उठा दिल देख नजारा, उस सालासर धाम का(Jhoom Utha Dil Dekho Nazara Us Salasar Dham Ka)

झूम उठा दिल देख नजारा,
उस सालासर धाम का,

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।

चक्रधर भगवान की पूजा कैसे करें?

भगवान चक्रधर 12वीं शताब्दी के एक महान तत्त्वज्ञ, समाज सुधारक और महानुभाव पंथ के संस्थापक थे। महानुभाव धर्मानुयायी उन्हें ईश्वर का अवतार मानते हैं। उनका जन्म बारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में, गुजरात के भड़ोच में हुआ था। उनका जन्म नाम हरीपालदेव था।

कालाष्टमी व्रत 2024

हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की विशेष पूजा की जाती है, जो साधकों को विशेष कार्य में सफलता और सिद्धि प्रदान करते हैं।

यह भी जाने