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भजहु रे मन श्री नंद नंदन (Bhajahu Re Mann Shri Nanda Nandan)

भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे

दुर्लभ मानव-जन्म सत-संगे

तारो ए भव-सिंधु रे


भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे


शीत तप बात बरिशन

ए दिन जामिन जगी रे

बिफले सेविनु कृपन दुरजन

चपल सुख लभ लागी रे


भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे


ए धन यौवन पुत्र परिजन

इथे की आचे पारतित रे

कमल-दल-जल, जीवन तलमल

भजू हरि-पद नीत रे


भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे


श्रवण कीर्तन स्मरण वंदन

पद सेवन दास्य रे

पूजन, सखी-जन, आत्म-निवेदन

गोविंद-दास-अभिलाषा रे


भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे

दुर्लभ मानव-जन्म सत-संगे

तारो ए भव-सिंधु रे


कहा प्रभु से बिगड़ता क्या (Kaha Prabhu Se Bigadta Kya)

कहा प्रभु से बिगड़ता क्या,
मेरी बिगड़ी बनाने में

मेरे सिर पर रख दो भोले(Mere Sar Par Rakh Do Bhole)

मेरे सिर पर रख दो भोले,
अपने ये दोनों हाथ,

गुड़ी पड़वा 2025 कब है

सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा त्योहार का विशेष महत्व है। इस त्योहार को चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, और इस तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू होता है। इसके साथ ही हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है।

कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त अपने घरों में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं।

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