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देवों के देव है ये, महादेव कहलाते है (Devon Ke Dev Hai Ye Mahadev Kahlate Hai)

सबको अमृत बांटे,

खुद विष पि जाते है,

देवों के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


ये औघड़ दानी है,

संग मात भवानी है,

दुनिया दीवानी है,

ये डमरू बजाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


माथे पर है चंदा,

और जटा में है गंगा,

कटे चौरासी फंदा,

जो इनका ध्यान लगाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


गले सर्पो की माला,

तन पे है मृगछाला,

पि के भंग का प्याला,

ये भस्म रमाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


शिव शंकर भोलेनाथ,

रख दो मेरे सिर पे हाथ,

दे दो ‘वशिष्ठ’ का साथ,

हम तुम्हे मनाते है,

देवो के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥


सबको अमृत बांटे,

खुद विष पि जाते है,

देवों के देव है ये,

महादेव कहलाते है ॥

गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का संबंध

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का विशेष संबंध सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है।

मार्गशीर्ष की अशुभ तिथियां

धार्मिक मान्यता है मार्ग शीर्ष का माह भगवान श्री कृष्ण को अधिक प्रिय माना जाता है। यही वजह है कि इस दौरान तामसिक भोजन ना करने की सलाह भी धार्मिक ग्रंथो में दी जाती है।

होलिका दहन के दौरान ना करें ये गलती

होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए होलिका दहन किया जाता है।

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