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ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा (O Shankara Mere Shiv Shankara)

ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है,

तुझसे कुछ नही छिपा है,

शंकरा भोलेनाथ भोलेनाथ,

ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है ॥


अंग विभूति गले रुंड माला,

शमशानों का वासी बड़ा दयाला,

गंगा किनारे डेरा ओ लागे,

नन्दी संग तेरे भैरव साजे,

ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है ॥


शरण तुम्हारे जो भी आता,

खाली हाथ कभी ना जाता,

कृपा करो दया करो,

हे शिव शंकर हे अभ्यंकर,

ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है ॥


ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है,

तुझसे कुछ नही छिपा है,

शंकरा भोलेनाथ भोलेनाथ,

ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,

बालक मैं तू पिता है ॥

इस व्रत से बढ़ता है पति-पत्नी का प्रेम

अनंग त्रयोदशी व्रत में भगवान शिव-पार्वती तथा कामदेव और रति का पूजन किया जाता है। यह दिन प्रेमी जोड़ों के लिए बहुत खास माना गया है। क्योंकि, इस दिन व्रत रखने से जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता बढ़ती है।

हे त्रिपुरारी गंगाधरी(Hey Tripurari Gangadhari)

हे त्रिपुरारी गंगाधरी
सृष्टि के आधार,

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, पूजा विधि

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है और इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है।

शम्भु स्तुति - नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं (Shambhu Stuti - Namami Shambhu Purusham Puranam)

नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं
नमामि सर्वज्ञमपारभावम् ।

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