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मेरो गोपाल झूले पलना (Mero Gopal Jhule Palna)

मेरो गोपाल झूले पलना,

मदन गोपाल झूले पलना,

पलना पलना पलना,

मेरो गोपाल झूलें पलना,

मदन गोपाल झूले पलना ॥


काहे को सखी बनो रे पालनो,

काहे की बाँधी डोरी,

सोने को पलना रेशम की डोरी,

चित्त करत है चोरी,

पलना ललना दोनों ते मेरी,

नजर हटे ना एक पल ना,

मेरो गोपाल झूलें पलना,

मदन गोपाल झूले पलना ॥


कौन लला को पलना झुलावे,

लोरी कौन सुनावे,

नंदराय जी पलना झुलावे,

जसोदा लोरी गावे,

रंग सांवरो सुघड़ लाल छब,

जाने हस हस छलना,

मेरो गोपाल झूलें पलना,

मदन गोपाल झूले पलना ॥


मथुरा जी ते ले के निकरो,

सिर पर आंधी पानी,

बिच में मिल गई जमुना मैया,

अपनी ही पटरानी,

कल कल करती नदी ने पाए,

बिन पग धोए कल ना,

मेरो गोपाल झूलें पलना,

मदन गोपाल झूले पलना ॥


रात ही रात नगर घर बदलो,

बदले बाबुल मैया,

त्रेताजुग को राम बन्यो,

द्वापर में कृष्ण कन्हैया,

रूप बदलने वाले मोहन,

तू हमसे ना बदलना,

मेरो गोपाल झूलें पलना,

मदन गोपाल झूले पलना ॥


मेरो गोपाल झूले पलना,

मदन गोपाल झूले पलना,

पलना पलना पलना,

मेरो गोपाल झूलें पलना,

मदन गोपाल झूले पलना ॥

तेरे मन में राम, तन में राम (Tere Mann Mein Ram Tan Mein Ram)

तेरे मन में राम,
तन में राम ॥

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गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के गौ-पालन और लीलाओं की याद दिलाता हैं। गोपाष्टमी दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें गोप का अर्थ है "गायों का पालन करने वाला" या "गोपाल" और अष्टमी का अर्थ हैं अष्टमी तिथि या आठवां दिन।

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अब मैं सरण तिहारी जी,
मोहि राखौ कृपा निधान ॥

नौ नौ रूप मैया के तो, बड़े प्यारे लागे (Nau Nau Roop Maiya Ke To Bade Pyare Lage)

नौ नौ रूप मैया के तो,
बड़े प्यारे लागे,