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आओ आओ गजानन आओ (Aao Aao Gajanan Aao )

आओ आओ गजानन आओ,

आके भक्तों का मान बढ़ाओ ॥


आओ आओ गजानन आओ,

आके भक्तों का मान बढ़ाओ ॥

ॐ गण गणपतये नमो नमः,

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः,

अष्टविनायक नमो नमः,

गणपती बप्पा मोरया ॥


भोले शंकर के पुत्र गजानन,

गौरा मैया के पुत्र गजानन,

आके भक्तों के मन को भाओ,

आके भक्तों का मान बढ़ाओ ॥


आओ आओ गजानन आओ,

आके भक्तों का मान बढ़ाओ।।

ॐ गण गणपतये नमो नमः,

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः,

अष्टविनायक नमो नमः,

गणपती बप्पा मोरया ॥


रिद्धि सिद्धि को संग में लाना,

गौरा मैया को भूल ना जाना,

आने में देर ना लगाओ,

आके भक्तों का मान बढ़ाओ ॥


आओ आओ गजा नन आओ,

आके भक्तों का मान बढ़ाओ।।

ॐ गण गणपतये नमो नमः,

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः,

अष्टविनायक नमो नमः,

गणपती बप्पा मोरया ॥


हम सबके प्यारे गजानन,

सब देवों से न्यारे गजानन,

आके कीर्तन में रस बरसाओ,

आके भक्तों का मान बढ़ाओ ॥

आओ आओ गजानन आओ,

आके भक्तों का मान बढ़ाओ ॥

ॐ गण गणपतये नमो नमः,

श्री सिद्धिविनायक नमो नमः,

अष्टविनायक नमो नमः,

गणपती बप्पा मोरया ॥

ब्रज होली की पौराणिक कथा

होली का नाम सुनते ही हमारे मन में रंगों की खुशबू, उत्साह और व्यंजनों की खुशबू बस जाती है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, होली से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं।

राम नाम से जगमग है (Ram Naam Se Jagmag Hai)

वो कितने धनवान धनी जो
राम के दर्शन पाते हैं

आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां (Aalha Ki Dhwaja Nahin Aayi Ho Maa)

तीन ध्वजा तीनों लोक से आईं
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां

माखन खा गयो माखनचोर(Makhan Kha Gayo Makhan Chor)

नटखट नटखट नंदकिशोर,
माखन खा गयो माखनचोर,

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