नवीनतम लेख

शुक्रवार की पूजा विधि

शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा कैसे करें, पूजा विधि के साथ जानें पूजन सामग्री और मंत्र-नियम भी 


हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी से जुड़ा होता है। इसे लक्ष्मी व्रत या शुक्रवार व्रत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि हो। शुक्रवार का दिन व्रति, उपवास और पूजा के लिए शुभ माना जाता है, खासकर महिलाओं द्वारा, क्योंकि यह दिन उनके लिए विशेष रूप से पुण्यदायक होता है। इस दिन लक्ष्मी जी के साथ-साथ देवताओं के अन्य रूपों की भी पूजा की जाती है, और विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। अब ऐसे में शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सामग्री क्या है और पूजा की विधि के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 


शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सामग्री


  • मां लक्ष्मी की प्रतिमा
  • लाल रंग का कपड़ा
  • चौकी
  • अक्षत
  • कुमकुम
  • हल्दी
  • मेहंदी
  • काजल
  • लाल फूल
  • दूर्वा
  • धूप
  • दीप
  • नैवेद्य
  • फल
  • मिठाई
  • पान
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • कपूर


शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा किस विधि से करें? 


  • शुक्रवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • अपने घर के पूजा स्थल को साफ करें और वहां एक चौकी स्थापित करें।
  • चौकी पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • मां लक्ष्मी की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • मां लक्ष्मी को रोली, कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाएं।
  • मां लक्ष्मी को फूल, धूप और दीप अर्पित करें।
  • मां लक्ष्मी को मिठाई का भोग लगाएं।
  • मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। आप "ओम श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्मी नमः" मंत्र का जाप कर सकते हैं।
  • मां लक्ष्मी की आरती बैठकर करें। इनकी आरती कभी भी खड़े होकर नहीं करनी चाहिए। 


शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के मंत्रों का करें जाप


  • ऊं श्रीं ह्लीं श्रीं महालक्ष्मि देवि महाविष्णुपत्नी स्वाहा॥
  • ऊं श्रीं महालक्ष्मि च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्॥
  • ऊं श्रीं ह्लीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
  • ऊं श्रीं महालक्ष्मि धनदा देवी महाक्रूर मणिप्रदा वरदा महाक्रूर भगवती नमः॥
  • ऊं श्रीं कमल वासिनी महालक्ष्मी नमोस्तुते॥
  • ऊं श्रीं लक्ष्मीनारायणाय नमः॥
  • ऊं श्रीं ह्लीं श्रीं लक्ष्मी देवी महाप्रतिष्ठा अनंगशक्ति महाबलाकरं॥
  • ऊं श्रीं लक्ष्मी सहस्रनाम स्तुति करतीं शान्ति प्रदायिनी॥
  • ऊं श्रीं महालक्ष्मी महाशक्ति महेश्वरी प्रपन्नार्तिहरिणि॥


शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए नियम क्या हैं?


  • मां लक्ष्मी को कमल का फूल विशेष रूप से प्रिय है, इसलिए उन्हें कमल का फूल अर्पित करें।
  • आप मां लक्ष्मी को खीर या सफेद मिठाई का भोग लगा सकते हैं।
  • शुक्रवार के दिन आप श्री सूक्त का पाठ भी कर सकते हैं।
  • मां लक्ष्मी की पूजा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।


मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व क्या है? 


मां लक्ष्मी की पूजा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर और आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है। 


आदित्य हृदय स्तोत्रम् (Aditya Hridaya Stotram)

ॐ अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्य, aaditya hriday stotra

आंवला नवमी व्रत कथा (Amla Navami Vrat Katha)

आंवला नवमी व्रत आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रखा जाता है। आंवला नवमी के दिन ही भगवान विष्णु ने कुष्माण्डक नामक दैत्य को मारा था और साथ ही आंवला नवमी पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करने से पहले तीन वनों की परिक्रमा भी की थी।

काल भैरव की कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन तंत्र-मंत्र के देवता काल भैरव की पूजा की जाती है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप हैं।

भद्रा में रावण की वजह से नहीं बांधी जाती राखी

भद्रा में रावण की वजह से नहीं बांधी जाती राखी, जानिए कौन है भद्रा और क्या है पूरी कहानी