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चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला और अत्यंत पावन महीना है, जिसे भक्ति, साधना और आराधना का प्रतीक माना जाता है। इस महीने से न केवल हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है, बल्कि प्रकृति में भी बदलाव दिखाई देता है। इसे मधुमास भी कहा जाता है, क्योंकि यह ऋतु परिवर्तन का संकेत होता है। इस माह में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसके अलावा, रामनवमी, गुड़ी पड़वा और चैत्र प्रतिपदा जैसे पर्व इस माह को और अधिक शुभ बनाते हैं। चैत्र मास आत्मशुद्धि, उपवास और देवी कृपा प्राप्ति का उत्तम समय माना जाता है, जिसमें भक्ति, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आइए जानते हैं चैत्र माह 2025 की तिथि और इसका धार्मिक महत्व।
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह 2025 की शुरुआत 15 मार्च को होगी। इस दिन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि दोपहर 2:33 बजे से प्रारंभ होगी और इसका समापन 16 मार्च दोपहर 4:58 बजे पर होगा। इस वर्ष चैत्र मास 15 मार्च से प्रारंभ होकर 12 अप्रैल 2025 तक चलेगा। यह माह धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें नवरात्रि, रामनवमी और कई अन्य शुभ पर्व आते हैं।
1. सृष्टि की रचना
नारद पुराण के अनुसार, चैत्र माह में ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इसे नए आरंभ का महीना माना जाता है।
2. चैत्र नवरात्रि
इस माह में चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है।
3. भगवान राम का राज्याभिषेक
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी महीने में भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक संपन्न हुआ था, जिससे यह माह और भी शुभ माना जाता है।
4. दान-पुण्य का महत्व
इस माह में गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4:27 बजे से प्रारंभ होगी। वहीं 30 मार्च दोपहर 12:49 बजे तक रहेगी। इसी के साथ चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से होगी और इसका समापन 7 अप्रैल 2025 को होगा। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है, जो भक्तों को सुख, समृद्धि और शक्ति प्रदान करती हैं। इस पावन अवसर पर व्रत, हवन, कलश स्थापना और दुर्गा सप्तशती पाठ का विशेष महत्व होता है।
चैत्र माह में तामसिक चीजों को नहीं खाना चाहिए। इस माह को बेहद पवित्र माना जाता है। ऐसा करने से जातक को जीवन में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस माह में घर में किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
चैत्र माह को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना शुभ फलदायी होता है।
1. सात्विक आहार ग्रहण करें
इस माह में फल, सब्जियां, दूध और हल्का भोजन करना शुभ माना जाता है।
2. मां दुर्गा की आराधना करें
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
3. दान-पुण्य करें
इस माह में गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
1. तामसिक भोजन से बचें
मांस, मदिरा और लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. क्रोध और झगड़े से बचें
घर में किसी से लड़ाई झगड़ा करना इस माह में अशुभ माना जाता है।
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