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दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। हालांकि दिवाली की रोशनी से एक दिन पहले हमें अच्छाई और सच्चाई की ओर ले जाने वाला त्योहार आता है, जिसमें हम छोटी दिवाली के रूप में मनाते हैं।
दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। लेकिन उससे एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस त्योहार को नरक चतुर्दशी, रूप चौदस और काली चौदस भी कहा जाता है। इस दिन हम भगवान कृष्ण की नरकासुर नामक राक्षस पर विजय को याद करते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है। इस दिन लोग घरों को सजाते हैं। दीये जलाते हैं और खुशी-उत्साह के साथ भगवान कृष्ण जी की पूजा-अर्चना करते हैं।
ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल यानी 2024 में छोटी दिवाली कब मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, भगवान कृष्ण की पूजा कैसे करें और साथ में इस दिन का महत्व…
छोटी दिवाली का पावन त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर को सुबह 01 बजकर 15 मिनट से हो रही है जो 31 अक्टूबर को दोपहर में 03 बजकर 52 मिनट तक जारी रहेगी। दरअसल, छोटी दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण चतुर्दशी की रात में मनाया जाता है। ऐसे में 30 अक्टूबर के दिन ही छोटी दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा।
यदि आप छोटी दिवाली पर कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं या भगवान की पूजा करनी है तो राहुकाल का समय जरूर नोट कर लें। इस समय कोई शुभ कार्य न करें। इस दिन राहुकाल दोपहर 01:27 बजे से दोपहर 02:50 बजे तक तक रहेगा। नक्षत्रों की बात करें तो चित्रा नक्षत्र का योग है। सूर्योदय 6 बजकर 32 मिनट पर होगा।
1. भगवान कृष्ण और सत्यभामा की तस्वीर रखें।
2. फूल, फल और मिठाइयां चढ़ाएं।
3. दीये जलाएं।
4. धूप और अगरबत्ती जलाएं।
5. भगवान कृष्ण और सत्यभामा की पूजा करें।
6. यमराज की पूजा करें। उन्हें फल और फूल चढ़ाएं।
7. घर के बाहर दीये जलाएं।
8. परिवार और मित्रों से मिलें।
9. मिठाइयां और फल बांटें।
10. गरीबों को दान दें।
11. पूजा के बाद आरती और मंत्रों का जाप करें।
छोटी दिवाली के दिन आटे का दीया जलाना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन यमदेव की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि अगर यम देव के लिए आटे का दीया जलाया जाए, तो इससे नरक से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही यम देवता की नजर कभी भी आपके परिवार पर नहीं पड़ती है। ऐसे में हर किसी को यह दीया अपने घर में अवश्य जलाना चाहिए। इस दीये को जलाने के बाद घर के कोने-कोने में घुमाएं। इसके बाद इसे दक्षिण दिशा में रख दें। क्योंकि यह दिशा यम देव की मानी गई है।
1. बुराई पर अच्छाई की जीत: छोटी दिवाली भगवान कृष्ण की विजय को याद करती है, जिन्होंने इस दिन नरकासुर नामक राक्षस को हराया था।
2. घर की सफाई: इस दिन घरों की सफाई की जाती है, जो आत्मा और मन की शुद्धि का प्रतीक है।
3. स्नान और पूजा: छोटी दिवाली के दिन स्नान और पूजा का महत्व है, जो आत्मा की शुद्धि और भगवान की कृपा को आकर्षित करता है।
4. दीये जलाना: इस दिन दीये जलाए जाते हैं, जो घरों में रोशनी और सकारात्मक ऊर्जा को फैलाते हैं।
5. यमराज की पूजा: छोटी दिवाली के दिन यमराज की पूजा की जाती है, जो मृत्यु के भय से मुक्ति का प्रतीक है।
6. आत्म-शुद्धि: छोटी दिवाली आत्म-शुद्धि और आत्म-विकास का अवसर प्रदान करती है।
7. परिवार और समाज: छोटी दिवाली परिवार और समाज के बीच संबंधों को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करती है।
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