दीवाली पर इन मंत्रों से करें पूजा

दिवाली पर इन नामों के आह्वान के साथ करें ये दिव्य आरती, हो सकता है धनलाभ!

  

पूरे भारतवर्ष में दीपावली का त्योहार बहुत ही आनंद, उत्साह और उम्मीद के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु विभिन्न प्रकार के जप- तप, हवन एवं पूजन किए जाते हैं। सभी भक्त अपने सामर्थ्य अनुसार मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर अपना मनवांछित फल प्राप्त करने हेतु जतन करते हैं। इस लेख में विस्तार से जानिए कैसे विशेष आरती और विभिन्न नामों से माता को प्रसन्न किया जा सकता है। 


इस दिव्य पद्धति से मिलेगा लाभ 


माता महालक्ष्मी के पूजन के समय जप, तप, हवन और पाठ इत्यादि के पश्चात आप मां लक्ष्मी की आरती की तैयारी करते हैं। हालांकि, आरती से पूर्व विभिन्न नामों से मां लक्ष्मी का आह्वाहन किया जाता है जो इस प्रकार हैं।  


  • 1. ऊँ प्रकृत्यै नम:
  • 2. ऊँ विकृत्यै नम:
  • 3. ऊँ विद्यायै नम:
  • 4. ऊँ सर्वभूत-हितप्रदायै नम:
  • 5. ऊँ श्रद्धायै नम:
  • 6. ऊँ विभूत्यै नम:
  • 7. ऊँ वसुन्धरायै नमः
  • 8. ऊँ उदारांगायै नमः
  • 9. ऊँ हरिण्यै नमः
  • 10. ऊँ हेममालिन्यै नमः
  • 11. ऊँ धनधान्य-कर्ये नमः
  • 12. ऊँ सिद्धयै नमः
  • 13. ऊँ स्त्रैणसौम्यायै नमः
  • 14. ऊँ शुभप्रदायै नमः
  • 15. ऊँ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः
  • 16. ऊँ सुरभ्यै नम:
  • 17. ऊँ परमात्मिकायै नम:
  • 18. ऊँ वाचे नम:
  • 19. ऊँ पद्मालयायै नम:
  • 20. ऊँ पद्मायै नमः
  • 21. ऊँ शुचय़ै नमः
  • 22. ऊँ स्वाहायै नमः
  • 23. ऊँ स्वधायै नमः
  • 24. ऊँ सुधायै नमः
  • 25. ऊँ धन्यायै नमः
  • 26. ऊँ हिरण्मयै नमः
  • 27. ऊँ लक्ष्म्यै नमः
  • 28. ऊँ नित्यपुष्टायै नमः
  • 29. ऊँ विभावर्यै नमः
  • 30. ऊँ अदित्यै नमः
  • 31. ऊँ दित्यै नमः
  • 32. ऊँ दीप्तायै नमः
  • 33. ऊँ वसुधायै नमः
  • 34. ऊँ वसुधारिण्यै नमः
  • 35. ऊँ कमलायै नमः
  • 36. ऊँ कान्तायै नमः
  • 37. ऊँ कामाक्ष्यै नमः
  • 38. ऊँ क्रोधसंभवायै नमः
  • 39. ऊँ अनुग्रहप्रदायै नमः
  • 40. ऊँ बुद्धयै नमः
  • 41. ऊँ अनघायै नमः
  • 42. ऊँ हरिवल्लभायै नमः
  • 43. ऊँ अशोकायै नमः
  • 44. ऊँ अमृतायै नमः
  • 45. ऊँ दीप्तायै नमः
  • 46. ऊँ लोकशोकविनाशिन्यै नमः
  • 47. ऊँ धर्म-निलयायै नमः
  • 48. ऊँ करुणायै नमः
  • 49. ऊँ लोकमात्रे नमः
  • 50. ऊँ पद्मप्रियायै नमः
  • 51. ऊँ पद्महस्तायै नमः
  • 52. ऊँ पद्माक्ष्यै नमः
  • 53. ऊँ पद्मसुन्दर्यै नमः
  • 54. ऊँ पद्मोद्भवायै नमः
  • 55. ऊँ भास्कर्यै नमः
  • 56. ऊँ बिल्वनिलयायै नमः
  • 57. ऊँ वरारोहायै नमः
  • 58. ऊँ यशस्विन्यै नमः
  • 59. ऊँ वरलक्ष्म्यै नमः
  • 60. ऊँ वसुप्रदायै नमः 
  • 61. ऊँ शुभायै नमः
  • 62. ऊँ हिरण्यप्राकारायै नमः
  • 63. ऊँ समुद्रतनयायै नमः
  • 64. ऊँ पद्ममुख्यै नमः
  • 65. ऊँ पद्मनाभप्रियायै नमः
  • 66. ऊँ रमायै नमः
  • 67. ऊँ पद्ममालाधरायै नमः
  • 68. ऊँ देव्यै नमः
  • 69. ऊँ पद्मिन्यै नमः
  • 70. ऊँ पद्मगन्धिन्यै नमः
  • 71. ऊँ पुण्यगन्धायै नमः
  • 72. ऊँ सुप्रसन्नायै नमः
  • 73. ऊँ प्रसादाभिमुख्यै नमः
  • 74. ऊँ प्रभायै नमः
  • 75. ऊँ चन्द्रवदनायै नमः
  • 76. ऊँ चन्द्रायै नमः
  • 77. ऊँ चन्द्रसहोदर्यै नमः
  • 78. ऊँ चतुर्भुजायै नमः
  • 79. ऊँ विष्णुपत्न्यै नमः
  • 80. ऊँ प्रसन्नाक्ष्यै नमः
  • 81. ऊँ नारायणसमाश्रितायै नमः
  • 82. ऊँ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः
  • 83. ऊँ देव्यै नमः
  • 84. ऊँ सर्वोपद्रव-वारिण्यै नमः
  • 85. ऊँ नवदुर्गायै नमः
  • 86. ऊँ महाकाल्यै नमः
  • 87. ऊँ ब्रह्माविष्णु-शिवात्मिकायै नमः
  • 88. ऊँ त्रिकालज्ञान-संपन्नायै नमः
  • 89. ऊँ भुवनेश्वर्यै नमः
  • 90. ऊँ चन्द्ररूपायै नमः
  • 91. ऊँ इन्दिरायै नमः
  • 92. ऊँ इन्दुशीतलायै नमः
  • 93. ऊँ अह्लादजनन्यै नमः
  • 94. ऊँ पुष्टयै नमः
  • 95. ऊँ शिवायै नमः
  • 96. ऊँ शिवकर्यै नमः
  • 97. ऊँ सत्यै नमः
  • 98. ऊँ विमलायै नमः
  • 99. ऊँ विश्वजनन्यै नमः
  • 100. ऊँ तुष्टयै नमः
  • 101. ऊँ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः
  • 102. ऊँ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः
  • 103. ऊँ शान्तायै नमः
  • 104. ऊँ शुक्लमाल्यांबरायै नमः
  • 105. ऊँ श्रियै नमः
  • 106. ऊँ जयायै नमः
  • 107. ऊँ मंगलादेव्यै नमः
  • 108. ऊँ विष्णुवक्षस्थलस्थितायै नमः


।। माता लक्ष्मी की आरती ।।


ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया, जय लक्ष्मी माता। 

तुमको निसदिन सेवत, मैया जी को निसदिन सेवत।

हर विष्णु धाता, ॐ जय लक्ष्मी माता।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैया, तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, सूर्य-चंद्रमा ध्यावत। 

नारद ऋषि गाता, ॐ जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख, संपत्ति दाता। मैया, सुख, संपत्ति दाता।।

जो कोई तुमको ध्यावत, जो कोई तुमको ध्यावत।

ऋद्धि-सिद्धि धन पाता, ॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता। मैया, तुम ही शुभ दाता। 

कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, कर्म प्रभाव प्रकाशिनी। 

भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता।

जिस घर तुम रहती तः सब सद्गुण आता

मैया, सब सद्गुण आता। 

सब संभव हो जाता, सब संभव हो जाता।

मन नहीं घबराता, ॐ जय लक्ष्मी माता।

तुम बिन यज्ञ ना होते, वस्त्र ना हो पाता, मैया, वस्त्र ना हो पाता।

खान-पान का वैभव, खान-पान का वैभव।

सब तुमसे आता, ॐ जय लक्ष्मी माता।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता, मैया, क्षीरोदधि जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, रत्न चतुर्दश तुम बिन।

कोई नहीं पाता, ॐ जय लक्ष्मी माता।

महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता। मैया, जो कोई नर गाता।। 

उर आनंद समाता, उर आनंद समाता।

पाप उतर जाता, ॐ जय लक्ष्मी माता।

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया, जय लक्ष्मी माता।।

तुमको निसदिन सेवत, मैया जी को निसदिन सेवत।

हर विष्णु धाता, ॐ जय लक्ष्मी माता।। 


मां लक्ष्मी जी की आरती से लाभ 


मां लक्ष्मी की आरती से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। परिवार में सदैव शांति बनी रहती है। आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आरोग्य का संचार होकर स्वच्छता एवं उत्तम स्वास्थ्य कि प्राप्ति होती है। असंभव कार्य संभव होने लगते हैं और तो और सारे पाप भी खत्म हो जाते हैं। 


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने