नवीनतम लेख
नवीनतम लेख
मां दुर्गा के सभी रूपों के बारे में जब आप भक्त वत्सल पर पढ़ेंगे तो पाएंगे कि मैया के हर रूप में उनके वाहन अलग-अलग हैं। लेकिन फिर भी मूल रूप में मां आदिशक्ति दुर्गा की सवारी शेर ही है। देवी दुर्गा शक्ति, तेज, सामर्थ्य को संभालने के लिए आक्रामकता, ताकत और बहादुरी जैसे गुणों से परिपूर्ण सिंह ही मैया के लिए सर्वथा उचित सवारी है। फिर भी ऐसे में मैया के भक्तों के मन में सवाल उठता होगा कि आखिर भवानी ने सिंह को ही वाहन रूप में क्यों चुना? या शेर ही मां की सवारी क्यों बना और कैसे बना? तो चलिए आपकी इस जिज्ञासा को भी शांत कर देते हैं कि भवानी शेर पर ही क्यों विराजमान हैं?
मां दुर्गा के वाहन सिंह की सवारी से संबंधित पौराणिक कथाओं में कई अलग-अलग कहानियां हैं। इनमें से पहली कथा के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक कठोर तपस्या की। एक दिन कैलाश पर माता पार्वती और भगवान शिव आमोद-विनोद मतलब हंसी-मजाक कर रहे थे। तभी भगवान शिव ने माता पार्वती को बातों ही बातों में काली कह दिया, जिससे मैया नाराज हो गई। गुस्से में माता पार्वती कैलाश पर्वत को छोड़कर जंगल में तपस्या करने चली गईं। मां को तपस्या में लीन देखकर एक शेर वहीं बैठकर उनके उठने और आशीर्वाद का इंतजार करने लगा।
कहीं-कहीं ऐसा भी कहा गया है कि शेर माता को अपना भोजन बनाने के लिए इंतजार कर रहा था। मां की तपस्या वर्षों तक चलीं। ऐसे में शेर का इंतजार लंबी अवधि तक चला। इससे वो भूख-प्यास से कमजोर हो गया लेकिन वहां से नहीं हिला। तप पूर्ण होने पर जब मैया ने शेर को वहीं बैठा देखा और उसकी हालत पर ध्यान दिया तो माता सब समझ गई। ऐसे में माता पार्वती ने शेर के इंतजार को तपस्या समझा और बड़ी प्रसन्न हुईं। तभी से मां दुर्गा ने शेर को अपनी सवारी बना कर सेवा में लिया और शेरावाली कहलाईं।
शिव के पुत्र कार्तिकेय ने देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति की भूमिका निभाते हुए दानव तारक और उसके दो भाई सिंहमुखम व सुरापदमन को पराजित किया था। स्कन्द पुराण में वर्णित इस प्रसंग के अनुसार सिंहमुखम ने अपनी पराजय पर कार्तिकेय से माफी मांगी जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने उसे शेर बनने का वरदान दिया और मां दुर्गा ने उसे वाहन रूप में स्वीकार कर लिया।
एक तीसरी पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार जब भगवान शिव माता पार्वती को कैलाश पर्वत पर राम कथा सुना रहे थे तो उस कथा को सुनने के लिए जंगल से एक शेर और बाघ दौड़े दौड़े कैलाश पर्वत की ओर आगे बढ़ने लगे। राम कथा में लीन माता पार्वती भगवान से कथा सुन रही थी। तभी भगवान शंकर की नजर शेर और बाघ पर पड़ी। उन्हें लगा कि वह पार्वती मैया पर हमला कर देंगे और भगवान शंकर ने तुरंत अपना त्रिशूल उठाकर बाघ को मार दिया। लेकिन जब शेर ने भगवान शिव को सच्चाई बताई की हम दोनों हमले के इरादे से नहीं बल्कि राम कथा सुनने के लिए आ रहे थे।
ऐसे में भगवान शिव को बड़ा पश्चाताप हुआ और उन्होंने बाघ की छाल को अपना आसन बना कर बाघ को मोक्ष प्रदान किया। इस पर शेर ने कहा कि हे भोलेनाथ बाग का जीवन तो आपने सुधार दिया लेकिन मेरा क्या। भगवान भोलेनाथ ने शेर की इस करुण पुकार को सुनते हुए उसे भवानी की सवारी होने का वरदान दिया। तभी से मां दुर्गा शेर पर सवार होकर संसार को तारने और दानवों को मारने का कार्य युगों-युगों से करने लगीं।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
Our Services
Copyright © 2024 Bhakt Vatsal Media Pvt. Ltd. All Right Reserved. Design and Developed by Netking Technologies