शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् (Shiv Panchakshar Stotram)

॥ शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् ॥

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।


नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै नकाराय नमः शिवाय॥1॥

मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वर-प्रमथनाथमहेश्वराय।


मन्दारपुष्प बहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नमः शिवाय॥2॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द, सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।


श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शिकाराय नमः शिवाय्॥3॥

वसिष्ठकुम्भोद्भव गौतमार्य, मुनीन्द्र देवार्चितशेखराय।


चन्द्रार्कवैश्वानर लोचनाय, तस्मै वकाराय नमः शिवाय॥4॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय।


दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै यकाराय नमः शिवाय॥5॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिव सन्निधौ।


शिवलोकमवाप्नोति, शिवेन सह मोदते॥6॥

 ॥ इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं शिवपञ्चाक्षरस्तोत्रं सम्पूर्णम्। ॥ 

........................................................................................................
खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

झोली भर लो भक्तो, दौलत बरसे भोले के दरबार (Jholi Bharlo Bhakto Daulat Barse Bhole Ke Darbar)

झोली भर लो भक्तो
दौलत बरसे भोले के दरबार,

पापमोचनी एकादशी मुहूर्त और पूजा विधि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना और व्रत करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है।