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सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

व्रत करने वाला पूर्णिमा व संक्रान्ति के दिन सायंकाल को स्नानादि से निवृत होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठ कर श्रद्धा पूर्वक गौरी, गणेश, वरूण, विष्णु आदि सब देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं सत्यनारायण स्वामी का पूजन तथा कथा-श्रवण सदैव करूंगा । पुष्प हाथ में लेकर नारायण का ध्यान करें, यज्ञोपवती, पुष्प, धूप, नैवेद्य आदि से युक्त होकर स्तुति करें- हे भगवान! मैंने श्रद्धापूर्वक फल, जल आदि सब सामग्री आपको अर्पण की है, इसे स्वीकार कीजिए। मेरा आपको बारम्बार नमस्कार है। इसके बाद सत्यनारायण जी की कथा पढ़े अथवा श्रवण करें।

नए ऑफिस की पूजा विधि

नया ऑफिस हर व्यवसाय और व्यक्ति के लिए एक बड़ा कदम होता है। जब कोई नया ऑफिस खोलता है, तो वह निश्चित रूप से चाहता है कि उसका व्यापार फले-फूले और उसे अधिक लाभ मिले। हिंदू धर्म में मान्यता है कि किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले भगवान का आशीर्वाद लेना शुभ होता है।

कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)

सुख दुःख दोनों रहते जिस में
जीवन है वो गाओं

वन में चले रघुराई (Van Me Chale Raghurai )

वन में चले रघुराई,
संग उनके सीता माई,

राम नाम की लूट है (Ram Naam Ki Loot Hai)

श्री राम, जय राम, जय जय राम
श्री राम, जय राम, जय जय राम

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