विष्णु चालीसा पाठ

Vishnu Chalisa: पापमोचनी एकादशी व्रत पर करें विष्णु चालीसा पाठ, इससे होगा पापों का हरण


शास्त्रों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करने से भक्त के सभी पाप समाप्त होते हैं। साथ ही इस दिन विष्णु चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति पुण्य अर्जित करता है और उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।



पापमोचनी एकादशी व्रत पर करें यह विष्णु चालीसा 


॥दोहा॥
श्री विष्णु भगवान की, कीन्हीं जो कोई साध। सब संकट मिटहिं तिन, पावहिं परम विश्राम॥

॥चौपाई॥
जय जय श्री भगवन् अनंता। कोटि सूर्य सम तेज प्रचण्डा॥
चतुर्भुज चक्रधर सुरत्राता। मधुसूदन जग जीवनदाता॥
शंख चक्र गदा पद्म विभूषित। पीताम्बर अति मनमोहित॥ 
कंठ बैजंती माला शोभा। श्रीवत्स हृदय शोभित लोभा॥
गरुड़ वाहन खगपति प्यारा। कृपादृष्टि करि जगत उजारा॥
लक्ष्मीपति श्रीधर सुखदाई। भव भय हारक मुनि मन भाई॥
सुर मुनि सिद्ध करैं सदा सेवा। राखहु नाथ दीन जन मेवा॥
दशावतार धर्यो जब-जबहीं। सुर मुनि जन राखे तब तबहीं॥
मत्स्य रूप धर्यो जल माहीं। सिंधु मंथन करवा लाये॥
कूर्म अवतार धर्यो भवानी। सकल सुरन साजे सुखदानी॥
वराह रूप धरि धरणी उठाई। हिरण्याक्ष मारी सुर भलाई॥
नृसिंह रूप धर्यो भय भारी। हिरण्यकशिपु सैन्य संहारी॥
वामन रूप बली प्रतिपाला। त्रिपद भूमि करि लीन्हीं माला॥
परशुराम भये भूसुर रक्षक। क्षत्रिय कुल विनाशक साक्षत॥
रामचन्द्र रघुकुल उबार्यो। रावणादी सकल संहार्यो॥
बलभद्र बनायो हलधारी। कंस मथन करि अति महितारी॥
बुद्ध रूप धरी जग महतारी। मोह विनाशन ज्ञान विहारी॥
कलियुग में धरि कल्कि अवतारा। दुष्ट म्लेच्छ विनाशन कारा॥
भक्तन पर करुणा निधाना। दीन दयाल कृपा सुख खानी॥
जो जन शरण तिहारी आवें। जनम मरण भय दूरि भगावें॥
वेद पुराण सदा गुण गावें। सुर मुनि नारद ध्यान लगावें॥
सुनत विष्णु चालीसा पावें। भव बंधन के पाश कटावें॥
जय जय जय लक्ष्मीपति दाता। दीन जनन सुखकर विनता॥
यह चालीसा पाठ जो कोई। नित्य करै श्रद्धा सुख होई॥

॥दोहा॥
पाठ विष्णु चालीसा कर, जो नर ध्यान लगाय। शरण गहे श्रीहरि की, भव सागर तरि जाय॥ 


विष्णु चालीसा का महत्व 


विष्णु चालीसा का पाठ भगवान विष्णु की महिमा और गुणों की सराहना का एक तरीका माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन इस चालीसा का पाठ करने से भक्त को सभी पापों से मुक्ति मिलती है, और उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।


........................................................................................................
मेरे राम इतनी किरपा करना, बीते जीवन तेरे चरणों में(Mere Ram Itni Kripa Karna Beete Jeevan Tere Charno Me)

मेरे राम इतनी किरपा करना,
बीते जीवन तेरे चरणों में ॥

छोटी होली पर करें ये उपाय

फागुन मास की पूर्णिमा के दिन छोटी होली मनाई जाती है। इस साल छोटी होली 13 मार्च को मनाई जाएगी और ये मौका अपने घर में खुशहाली लाने का सबसे अच्छा समय है।

गाइये गणपति सुबहो शाम(Gaiye Ganpati Subaho Shaam)

गाइये गणपति सुबहो शाम,
मंगलमूर्ति मंगलकारी,

रावण से जुड़ी है अखुरथ संकष्टी कथा

पौष माह में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन किया जाता है जो कि हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय देवता हैं।