कालाष्टमी कब मनाई जाएगी

Kalashtami Vrat 2025: चैत्र महीने में कब है कालाष्टमी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और उपाय


सनातन धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है। इसे भगवान काल भैरव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा करने से साधकों को शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है। यह पर्व हर महीने की कृष्ण पक्ष अष्टमी को आता है, लेकिन चैत्र माह की कालाष्टमी का विशेष महत्व होता है।

कालाष्टमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त


वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 फरवरी 2025 को सुबह 9:58 बजे से शुरू होगी और 21 फरवरी 2025 को सुबह 11:57 बजे समाप्त होगी। काल भैरव देव की पूजा निशा काल में की जाती है, अतः 20 फरवरी 2025 को कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा।

  • निशा काल पूजा मुहूर्त: रात 12:04 बजे से 12:51 बजे तक।
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:48 बजे से 5:35 बजे तक।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:30 बजे से 3:19 बजे तक।

कालाष्टमी पूजा विधि


  • स्नान और संकल्प: प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा स्थल की तैयारी: भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • पंचामृत अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) और गंगाजल से अभिषेक करें।

मंत्र जाप:

"ॐ कालभैरवाय नमः"
"ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्"

भोग अर्पण: भगवान को फल, मिठाई और घर पर बने मिष्ठान का भोग लगाएं।
दीपक और धूप: सरसों के तेल का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
आरती और प्रसाद: आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

कालाष्टमी के 5 खास उपाय


  • काले तिल का दान: नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
  • लोहे की वस्तु दान करें: शत्रु बाधा समाप्त होती है और कार्यों में सफलता मिलती है।
  • काले कुत्ते को रोटी खिलाएं: भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं और संकटों से रक्षा करते हैं।
  • सरसों के तेल का दीपक जलाएं: घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • सुपारी चढ़ाएं: जीवन की बाधाएं समाप्त होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।



........................................................................................................
वृन्दावन हम चलेंगे राधे राधे गाते गाते (Vrindavan Hum Chalenge Radhey Radhey Gaate Gaate)

वृन्दावन हम चलेंगे राधे राधे गाते गाते,
वृन्दावन हम चलेंगे राधे राधें गाते गाते,

मौनी अमावस्या के दिन तुलसी को क्या चढ़ाएं

मौनी अमावस्या का दिन पूजा-पाठ, अनुष्ठान और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि मौनी अमावस्या पर किए गए उपायों से 100 वर्षों के दान के बराबर पुण्य मिलता है।

राधा के मन में, बस गए श्याम बिहारी(Radha Ke Man Mai Bas Gaye Kunj Bihari)

श्याम रंग में रंग गई राधा,
भूली सुध-बुध सारी रे,

सकट चौथ यम नियम

सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।