पापमोचनी एकादशी पर तुलसी पूजन कैसे करें

Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी पर करें मां तुलसी की पूजा, इससे मिलेगा मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद 


पापमोचनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है जो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह उपवास सभी पापों से छुटकारा पाने और मोक्ष प्राप्त करने के लिये रखा जाता है। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन तुलसी पूजन का पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ मां तुलसी की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए, जिससे भक्त को इस व्रत का दोगुना फल मिलता है।



पापमोचनी एकादशी तुलसी पूजन महत्व 


मां तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय भक्त और पत्नी के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु की पूजा तुलसी पूजन के बिना अधूरी मानी जाती है। साथ ही तुलसी माता को धर्म, शुद्धता और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी पूजा करने से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पापमोचनी एकादशी का उद्देश्य भी पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि करना है, इसलिए इस दिन देवी तुलसी की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। 



तुलसी पूजन विधि 


  • मां तुलसी के गमले में पीले वस्त्र बांध दें और गमले में ही भगवान विष्णु की फोटो या मूर्ति स्थापित करें।
  • मां तुलसी को कुमकुम के साथ 16 श्रृंगार की सामग्री जैसी चूड़ी, बिंदी, काजल, मेहंदी, कंघी और सिन्दूर अर्पित करें।
  • पूजा विधि के अनुसार भगवान विष्णु और मां तुलसी को मिश्री, बताशे, फल और पंचामृत चढ़ाएं। और सभी भोग में तुलसी के पत्ते अवश्य मिलायें।
  • तुलसी चालीसा और तुलसी कवच का पाठ करें। और मां तुलसी का कम से कम 11 या 21 बार परिक्रमा करें।
  • घी का दीपक जला कर तुलसी मां के सामने राखे और धूप, अगरबत्ती जला कर शुद्ध घर में दिखायें। 
  • पूजा समापन के बाद शंख बजा कर घर का वातावरण शुद्ध करें, इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। 



पापमोचनी एकादशी व्रत तुलसी पूजन लाभ 


पापमोचनी एकादशी व्रत पर तुलसी पूजन से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, और घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है। व्रत का फल कई गुना अधिक हो जाता है, जिससे पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति आसान हो जाती है।


........................................................................................................
नौ दिन का त्यौहार है आया (Nau Din Ka Tyohaar Hai Aaya)

नौ दिन का त्यौहार है आया,
ध्यान करो माँ नवदुर्गा का,

म्हारा घट मा बिराजता श्रीनाथजी (Mara Ghat Ma Birajta Shrinathji)

म्हारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी,

मेरे सिर पर रख दो भोले(Mere Sar Par Rakh Do Bhole)

मेरे सिर पर रख दो भोले,
अपने ये दोनों हाथ,

यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ (Yahan Wahan Jahan Tahan)

यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ,
मत पूछो कहाँ-कहाँ,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।