नवीनतम लेख
नवीनतम लेख
ये है हिंदू धर्म का सबसे पहला अखाड़ा?
कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा सांस्कृतिक समागम है। इस समागम की शोभा अखाड़े बढ़ाते है, जो साधु संतों के संगठन होते है। इन्ही में से एक है श्री पंचायती अटल अखाड़ा। शैव संप्रदाय के इस अखाड़े की जड़ें हजारों वर्षों पुरानी हैं। इसे हिंदू धर्म का पहला अखाड़ा भी कहा जाता है।
इस अखाड़े के पास है हजार करोड़ की संपत्ति?
हिंदू धर्म के 13 अखाड़ों में निरंजनी अखाड़ा प्रमुखता से जाना जाता है । शैव संप्रदाय का यह अखाड़ा साधु संतों की संख्या में दूसरे नंबर पर आता है। इसकी खास बात है कि यहां के 70 फीसदी से ज्यादा संत डिग्रीधारक होते है। कोई डॉक्टर होता है, तो कोई इंजीनियर, तो कोई प्रोफेसर।
पूजा में हवन क्यों किया जाता है?
हवन की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। अग्नि को देवताओं का प्रतीक मानते हुए, हवन या यज्ञ के माध्यम से ईश्वर की उपासना की जाती है।
जानें आवाहन अखाड़े के बारे में सबकुछ
महाकुंभ की शुरुआत में अब 1 महीने का समय बचा है। लगभग सभी अखाड़े प्रयागराज भी पहुंच चुके हैं। लेकिन इन दिनों शैव संप्रदाय का एक अखाड़ा चर्चा में बना हुआ है।
इस अखाड़े ने युद्ध में औरंगजेब को हराया
महानिर्वाणी अखाड़ा भारत के प्राचीन और प्रतिष्ठित अखाड़ों में से एक है, जिसका संबंध शैव संप्रदाय से है। अखाड़े का मुख्य केंद्र उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में है। वहीं इसके आश्रम ओंकारेश्वर, काशी, त्र्यंबकेश्वर, कुरुक्षेत्र, उज्जैन व उदयपुर में मौजूद है।
तंत्र साधना के लिए मशहूर है ये अखाड़ा
पंचाग्नि अखाड़ा शैव संप्रदाय के सबसे प्राचीन अखाड़ों में से एक है। इसकी स्थापना 1136 ईस्वी में हुई थी। वर्तमान में इसका मुख्य केंद्र वाराणसी में स्थित है।
हाथ में कलावा क्यों बांधते हैं?
कलावा, जिसे रक्षा सूत्र भी कहा जाता है, एक पवित्र धागा है जो विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है। इसे आमतौर पर सूती धागे से बनाया जाता है और इसे लाल, पीला या अन्य शुभ रंगों में रंगा जाता है।
प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी से कुंभ मेला का आयोजन होने वाला है। इसके लिए तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही है। हिंदू धर्म के मुताबिक कुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रयागराज के संगम तट पर स्नान के फायदे
प्रयागराज हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाता है। महादेव की इस पावन नगरी में 12 जनवरी से 26 फरवरी के बीच कुंभ मेले का आयोजन होने वाला है। देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां के संगम घाट पर स्नान करने पहुचेंगे। यह घाट करोड़ों श्रद्धालुओं को सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
Our Services
Copyright © 2024 Bhakt Vatsal Media Pvt. Ltd. All Right Reserved. Design and Developed by Netking Technologies