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जयपुर की चुनरिया, मैं लाई शेरावालिये,
जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो रूप मे अनूप चारो भइया हो,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया, सबको बहुत बधाई है,
संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्, सदावसन्तं हृदयारविन्दे,
जन्मे अवध में, दशरथ के ललना,
जय श्री वल्लभ, जय श्री विट्ठल, जय यमुना श्रीनाथ जी ।
जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री
जन्म उत्सव आपका हम, आज मनाएंगे,
जय श्री श्याम जपो, जय श्री श्याम,
तेरे ही भरोसे हैं हम तेरे ही सहारे