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नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
हम वन के वासी, नगर जगाने आए ॥
हम तुम्हारे तुम हमारे, बन गए हो सांवरे,
हम सब मिलके आये, दाता तेरे दरबार
रंगी गुब्बारो से मंडप सजाया है, मिशरी मावे का एक केक मंगाया है,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं । हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम नैन बिछाए है, हे गणपति आ जाओ ॥
इतनी किरपा कीजिये सालासर हनुमान,
इतनी किरपा सांवरे बनाये रखना मरते दम तक सेवा में लगाये रखना,
हम लाड़ले खाटू वाले के, हमें बाबा लाड़ लड़ाता है,