नवीनतम लेख

जन्मे अवध रघुरइया हो (Janme Awadh Raghuraiya Ho)

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।


जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो

रूप मे अनूप चारो भइया हो,

सब मंगल मनावो,

एक श्याम जो नील कमल हो

या जमुना का निर्मल जल हो

दूजे की है चांद सी गोरइया हो

सब मंगल मनावो,

बरसन सुमन देवगण आये

दरसन का सब लाभ उठाये

तीनो लोक राजा को बधइया हो

सब मंगल मनावो,

जल गये दीपक मनी दिवाली

मंत्री करे खजाना खाली

राही बांटे कामधेनु गइयाँ हो

सब मंगल मनावो,

श्यामा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए - भजन (Shyama Tere Charno Ki, Gar Dhool Jo Mil Jaye)

श्यामा तेरे चरणों की,
राधे तेरे चरणों की,

मां के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं

दिल दिल दिल दिल दिल..माँ का दिल
दिल दिल दिल..माँ का दिल दिल दिल

कनकधारा स्तोत्रम् (Kanakdhara Stotram)

अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः॥1॥

माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल(Maa Main Khada Dwar Tere)

तेरे दरबार का पाने नज़ारा,
मैं भी आया हू,